आरयू वेब टीम। जहां एक ओर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान इसको रद्द करने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के मंत्रियों द्वारा कानून को वापस न लेने का बयान भी सामने आते रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को केंद्र सरकार में कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने दो टुक कहा कि यदि किसान इन बिलों में कुछ जोड़ना चाहते हैं, तो यह बहुत संभव है, लेकिन कानून वापस लेने का सवाल नहीं, यह पूर्ण ‘हां या नहीं’ नहीं हो सकता है।
मीडिया से बात करते हुए कैलाश चौधरी ने कहा कि मैं किसानों से अपील करता हूं कि फार्म बिल से संबंधित मुद्दों को हल करें। यदि किसान इन बिलों में कुछ जोड़ना चाहते हैं, तो यह बहुत संभव है, लेकिन यह पूर्ण ‘हां या नहीं’ नहीं हो सकता है। एक साथ बैठने से समाधान होता है।
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वहीं किसान नेताओं ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान यूनियन के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह भूख हड़ताल नहीं करेंगे।
सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी। प्रदर्शनकारी किसान संघों के नेताओं ने कहा है कि वे सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे और नए कृषि कानूनों की मांग को लेकर सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा।