आरयू वेब टीम। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा मामले में सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। बुधवार को हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुनवाई नहीं होगी, केंद्र मामले को देख रही। दरअसल, दायर याचिका में घटना की जांच रिटायर जज की निगरानी में कमेटी का गठन कर कराने का अनुरोध किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में मामले से संबंधित चारों याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि सरकार इस मामले को देख रही है। कोर्ट ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है, कानून अपना काम करेगा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच के सामने ये याचिका एडवोकेट विशाल तिवारी की ओर से पेश किया गया था।
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विशाल तिवारी की ओर से दाखिल याचिका में कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का अनुरोध किया गया था। इसमें मांग की गई कि आयोग द्वारा तथ्यों को समयबद्ध तरीके से कोर्ट में पेश किया जाए। एक अन्य याचिका में एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा की तरफ से दाखिल की गई।
इसमें दावा किया गया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के खिलाफ साजिश की गई और बिना किसी सबूत के किसानों को कथित तौर पर आतंकवादी बताया गया। शर्मा ने अपनी याचिका में ये भी मांग करते हुए कहा कि कोर्ट केंद्र और मीडिया को निर्देश जारी कर बिना किसी प्रमाण के झूठे आरोप लगाने और किसानों को आतंकवादी बताने से रोकने का निर्देश जारी करें।