करनाल लाठीचार्ज के विरोध में धरने पर बैठे किसानों ने कहा, SDM पर कार्रवाई से कम कुछ भी नहीं मंजूर

करनाल लाठीचार्ज

आरयू वेब टीम। हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में लगातर किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों और प्रशासन के बीच मंगलवार को हुई बातचीत बेनतीजा निकली। इसके बाद बुधवार को भी उनका प्रदर्शन जारी है। किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में हजारों किसान सचिवालय के करीब धरने पर बैठे हैं। किसानों की मांग है कि एसडीएम पर कार्रवाई की जाए, इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है, हालांकि प्रशासन ने अभी तक उनकी मांग मानने से इनकार किया है।

साथ ही विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मांग की है कि अगस्त के आखिरी में किसानों पर हुए लाठीचार्ज में मारे गए किसान के बेटे को सरकारी नौकरी दी जाए और परिवार को मुआवजा मिले। इसके साथ ही उन्होंने एसडीएम पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है, लेकिन सरकार और किसानों के बीच मांगों पर सहमति नहीं बन पाई।

वहीं आज भी करनाल में फिर से किसान संगठन के नेताओं और प्रशासन के बीच दोपहर दो बजे बैठक हुई। यहां भी किसानों ने मांग की है कि एसडीएम पर कार्रवाई की जाए, लेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। दूसरी तरफ जींद में बुधवार किसानों ने हाइवे खोल दिया। किसानों ने जींद-चंडीगढ़, जींद-दिल्ली के हाइवे को खोल दिया, जहां पहले जाम लगा था। जींद में किसान नेताओं ने कहा कि अगर करनाल से किसी तरह का संगठन आदेश देता है तो फिर से सड़क को जाम किया जाएगा।

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मालूम हो कि संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेताओं के साथ कई किसानों ने मिनी सचिवालय के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर रात बिताई। सुबह प्रशासन ने किसानों को दूसरे दौर की बातचीत के लिए बुलाया था और 11 सदस्यीय किसान पैनल वार्ता के लिए विरोध स्थल से निकला।

वहीं गृह विभाग ने स्थिति के संवेदनशील होने का हवाला देते हुए मंगलवार को करनाल में मोबाइल इंटरनेट सेवा के निलंबन की अवधि बुधवार आधी रात तक बढ़ा दी। इससे पहले यह सेवाएं करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में मंगलवार आधी रात तक के लिए निलंबित की गई थीं। आदेश में कहा गया, “विरोध प्रदर्शन और उग्र होने आशंका है जिससे जन सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है और करनाल में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।”

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