आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राज्यसभा में रविवार को पास हुए कृषि विधेयकों के विरोध में सोमवार को राजधानी लखनऊ में भी आम आदमी पार्टी ने प्रदर्शन किया। आप के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह के नेतृत्व में जेपीओ के पास प्रदर्शन कर रहे आप के नेता व कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के लिए मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें सभाजीत सिंह समेत कई अन्य को चोंटें आयीं हैं। वहीं पुलिस ने सभी को बसों में ठूंसकर आज दोपहर ईको गार्डेन पहुंचाया।
आज दोपहर दर्जनों की संख्या में आप के महिला व पुरुष नेता-कार्यकर्ता हाथों में कृषि विधेयक विरोध नारे लिखे बैनर-पोस्टर लेकर जीपीओ पहुंचे थे। जहां उन्होंने मोदी व योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि सरकार ने असंवैधानिक ढ़ग से विधेयक पारित कराया है।
नाकाम मोदी सरकार किसानों को पूंजीपतियों का बनाना चाहती है गुलाम
प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कृषि विधेयकों को कानून बताते हुए कहा कि किसानों की फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने, किसानों की आय दोगुनी करने के वादे को पूरा करने में नाकाम मोदी सरकार किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है। किसान मजबूर होकर आए दिन आत्महत्या कर रहें, उनका दुख-दर्द सुनने के बजाए पूरे कृषि क्षेत्र को ही पूजीपतियों के हवाले करने मोदी सरकार ने साजिश की है।
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उन्होंने कहा, “देश में सर्वाधिक आबादी वाले इस उत्तर प्रदेश में किसानों की हालत पहले से ही बदतर है। प्रदेश की योगी सरकार किसानों को खाद, बीज, बिजली व पानी उपलब्ध करवाने में असमर्थ है, न ही गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान हो रहा है। प्रदेश का किसान आत्महत्या को मजबूर है। ऐसे समय भी मोदी-योगी सरकार पूंजीपतियों के साथ खड़ी है।” सभाजीत सिंह ने कहा आम आदमी पार्टी हमेशा किसानों के हक में खड़ी है और उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी।
वहीं प्रदर्शन में शामिल आप किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेश त्यागी ने किसान बिल पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “मोदी-योगी सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। हम इसके खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे।
प्रदर्शन के साथ ही आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। ज्ञापन के जरिए आप ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार को उन 80 प्रतिशत लोगों की कोई चिंता नहीं है, जो गांव में रहते हैं और कृषि पर निर्भर हैं। एमएसपी ऑर्डिनेंस बिल इस बात का जीता जागता प्रमाण है। कृषि को प्राइवेट हाथों में देने के लिए यह बिल लाया गया है। इस बिल के कारण धान और गेहूं की एमएसपी खत्म हो जाएगी। बिल के माध्यम से सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को कृषि सेक्टर को हड़पने की खुली छूट दे दी है।
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नाराजगी जताते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी किसान अध्यादेश के माध्यम से किसानों की खेती को भी छीनना चाहते हैं। इस बिल के पास होने से बड़े-बड़े पूंजिपतियों को कृषि क्षेत्र में आने का मौका मिलेगा। 10-20 एकड़ जमीन के क्लस्टर बनेंगे और पूंजीपति कहीं से भी फसल खरीद कर, देश में कहीं भी उसका भंडारण कर सकेंगे।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस अध्यादेश के पारित होने के बाद किसी भी जरूरी वस्तु को कहीं भी इकट्ठा करने, जरूरी वस्तुओं का जितना चाहे उतना भंडारण करने और जब मन चाहे उसे बेचने की स्वीकृति मिल गई है।
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प्रदर्शन के दौरान सभाजीत सिंह के अलावा प्रदेश महिला अध्यक्ष नीलम यादव, प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी, प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान लतीफ, प्रदेश सह प्रभारी नदीम अशरफ जायसी, प्रदेश सचिव विनय पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष सरबजीत सिंह मक्कड़, प्रदेश सचिव अंकुश चौधरी, यूथ विंग के जिला अध्यक्ष ललित कुमार बाल्मीकि, शाहबाज खान, अफरोज आलम, रेहान, शुभम, सागर तिवारी, ललित तिवारी, ईरम शबरेज, पंकज यादव, सागर तिवारी, मजीद, मोहमद तकी व अली मौजूद थे।