AAP सांसद संजय सिंह के खिलाफ FIR पर OP राजभर ने कहा, केस दर्ज करा डराना चाहती है योगी सरकार

ओम प्रकाश राजभर
ओम प्रकाश राजभर ( फाइल फोटो।)

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी करने के मामले में लखीमपुर खीरी में एफआइआर दर्ज होने को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने प्रतिक्रिया दी है। ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि संजय सिंह पर मुकदमा दर्ज कर योगी सरकार डराना चाहती है।

राजभर ने आज सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि राज्यसभा सांसद संजय सिंह जी के ऊपर मुकदमा दर्ज कर योगी सरकार डराना चाहती है, आप डरिये नही एसबीएसपी बार इंडिया भागीदारी संकल्प मोर्चा आपके साथ खड़ी है, योगी सरकार, पिछड़े,दलित अल्पसंख्यक वंचित वर्ग के हक अधिकार की आवाज को दबानें की कोशिश कर रही है, इस आवाज को हम दबनें नही देंगे।

दूसरी ओर संजय सिंह ने ओम प्रकार राजभर के प्रति अभार जताते हुए कहा है कि कोई एफआइआर, जेल और गिरफ्तारी उनकी आवाज को दबा नही सकती, साथ ही उन्‍होंने कहा कि वह दलितों पिछड़ो वंचितों के हक में आवाज उठाते रहेंगे।

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बता दें कि अरविंद गुप्ता नाम के युवक ने गोला गोकर्णनाथ कोतवाली में तहरीर दी थी। तहरीर के आधार पर धारा 153A, 505(2) में मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता अरविंद ने कहा कि 12 अगस्त को संजय सिंह ने अपने सहयोगी सभाजीत सिंह और बृजकुमारी के साथ प्रेस कांफ्रेंस की। इसकी रिपोर्ट 13 अगस्त को समाचार पत्रों में छपी। इसमें संजय सिंह ने मुख्य आरोप लगाए हैं कि प्रदेश में लोगों को चुन-चुनकर मारा जा रहा है। ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहा है। किसी भी ब्राह्मण से पूछ लें वह आपको मुख्यमंत्री के खिलाफ गुस्सा बताएगा।

भाजपा के 58 विधायक ब्राह्मण हैं और वो भी बहुत गुस्सा हैं। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ब्राह्मण हैं, लेकिन वह आवाज नहीं उठाते। डिप्टी सीएम केशव मौर्य एक भी मौर्य का काम नहीं करा पाए। राष्ट्रपति दलित हैं, उन्हें भी राम मंदिर शिलान्यास में नहीं बुलाया गया। केवल ठाकुरों का काम हो रहा है. राजभर, कुर्मी, यादव, सोनकर, निषाद, तेली, नाई आदि सरकार से नाराज हैं। उन्होंने इन वर्गों से नियुक्त डीम और एसपी की संख्या भी पूछी।

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शिकायत में अरविंद ने आप नेता पर आरोप लगाया है कि उन्होंने समाज को बांटने व सामाजिक समरसता बिगाड़ने के उद्देश्य से बयानबाजी की है। उन्होंने इसमें राष्ट्रपति, मुखयमंत्री, विधायकों को भी नहीं छोड़ा है। इन्होंने संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन किया है।