लखीमपुर कांड में आशीष मिश्रा को राहत नहीं, जमानत याचिका हुई वापस

लखीमपुर हत्याकांड गवाह
पुलिस की गिरफ्त में हत्‍याकांड का मुख्‍य आरोपित। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरों, लखनऊ। किसानों को कुचलने वाले लखीमपुर खीरी कांड को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को आज भी राहत नहीं मिली है। जिला जज की कोर्ट में सोमवार को इस केस के मुख्य आरोपित मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी तकनीकी खामी के कारण वापस हो गई। आरोपित आशीष मिश्रा के खिलाफ बढ़ी धाराओं के मामले में सोमवार को जिला जज की कोर्ट में जमानत पर सुनवाई की। बढ़ी हुई धाराओं में उनके आशीष के अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह ने शनिवार को जिला जज मुकेश मिश्रा की कोर्ट में दूसरी जमानत अर्जी दाखिल कर दी है।

इस अर्जी पर आज सुनवाई दोपहर 12 बजे शुरू हुई और पांच मिनट में खत्म हो गई। तिकुनिया कांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा की याचिका उसके वकील ने तकनीकी खामियों के चलते वापस ले ली। वहीं अंकित दास, लतीफ, सत्यम और नंदन चारों आरोपितों की जमानत याचिका जिलाध्यक्ष के न्यायालय से खारिज कर दी गई। आशीष मिश्रा सहित पांच लोगों ने कोर्ट में जमानत अर्जी डाली थी।

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लखीमपुर खीरी के तिकुनियां हिंसा के मामले में किसानों की तरफ से दर्ज कराए गए केस में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू समेत 13 लोग जेल में हैं। विवेचना में उस समय नया मोड़ आ गया जब 13 दिसंबर सोमवार को मामले के विवेचक विद्याराम दिवाकर ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर 279, 338, 304ए, आइपीसी की धाराओं को विलोपित करने व धारा 307, 326 आइपीसी, 3/25/30 सह पठित धारा 35 आम्र्स एक्ट की बढ़ोतरी की मांग की।

सीजेएम ने सभी आरोपितों को 14 दिसंबर को जेल से तलब किया था। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद देर शाम सीजेएम चिंताराम ने खीरी हिंसा मामले में विवेचक की अर्जी स्वीकार करते हुए अनुमति दे दी। धाराओं की बढ़ोतरी के बाद आशीष मिश्र के अधिवक्ता ने 17 दिसंबर को सीजेएम कोर्ट में दूसरी जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसे सीजेएम ने खारिज कर दी थी। इसके बाद शनिवार को फिर दाखिल याचिका पर सुनवाई की गई।

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