आखिरकार एलडीए ने ढहा दिया गायत्री प्रजापति का अवैध निर्माण

अवैध निर्माण
गायत्री का अवैध निर्माण ढहाती जेसीबी।

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। लंबे समय से पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति के अवैध निर्माण को बचाने के लिए चल रहा एलडीए इंजीनियरों का दांव पेंच काम नहीं आया। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के सख्‍त रूख के बाद आज एलडीए की टीम ने जिला प्रशासन के साथ भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में आशियाना के सालेहनगर तिराहे पर बने गायत्री प्रजापति के अवैध निर्माण को ढहा दिया।

पूर्वान्‍ह करीब 11 बजे से ही चार जेसीबी और दो पोकलैंड मशीनें गायत्री के रसूख पर गरजती रही, जो शाम को अवैध निर्माण को ढहाने के बाद ही रूकी। कार्रवाई के दौरान गायत्री के गुर्गों ने विरोध भी करना चाहा, हालांकि पुलिस-प्रशासन का रूख देख उन्‍होंने खामोश रहने में ही भलाई समझी। एक्‍सईएन आरडी वर्मा ने बताया कि बेसमेंट समेत तीन मंजिला अवैध निर्माण को ध्वस्‍त कर दिया गया है।

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वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री के अवैध निर्माण को बचाने में काफी समय से दिमाग झोक रहे इंजीनियरों के पैंतरों को फेल कर गायत्री के अवैध निर्माण को ढहाने में अहम भूमिका निभाने वाले संयुक्‍त सचिव धनंजय शुक्‍ला ने एलडीए के आज की कार्रवाई की अगुवाई की।

इस दौरान एसीएम तृतीय अनिल कुमार मिश्रा, ओएसडी सीएल मिश्रा, अधिशासी अभियंता आरडी वर्मा, अधिशासी अभियंता एके सिंह, एई राकेश मोहन, जेई नरेन्‍द्र सिंह, नागेन्‍द्र मिश्रा के अलावा एक प्‍लाटून पीएसी व आशियाना थाने की पुलिस भी मौजूद रही।

सपा सरकार में बनवाया तो योगीराज में सत्‍येंद्र सिंह ने कराया था सील

बताते चले कि सालेहनगर तिराहे पर करीब दो साल से ज्‍यादा समय तक गायत्री प्रजापति के नाम से अवैध निर्माण चलता रहा। मीडिया के जरिए मामला सामने आने के बाद भी दो बार एलडीए के मुखिया की कुर्सी संभालने वाले सत्‍येंद्र सिंह यादव ने कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कराई। योगी सरकार बनते ही गुडवर्क दिखाने के चक्‍कर में सत्‍येंद्र सिंह ने गायत्री प्रजा‍पति के अवैध निर्माण को सील करा दिया। लेकिन इसके बाद भी योगी सरकार ने उनकी विदाई एलडीए से कर दी। हालांकि तमाम गंभीर आरोपों के बाद भी सरकार ने जुगाड़ु सत्‍येंद्र सिंह यादव के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

हाईकोर्ट हुआ था सख्‍त

बताते चलें कि 15 जून को ही हाईकोर्ट ने गायत्री के बेटे अनुराग की अपील को खारिज करते हुए एलडीए को अवैध निर्माण गिराने का आदेश दिया था। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह को 19 जून को इसके बारे में कोर्ट को जानकारी देने को भी कहा है।

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इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण के लिए जिम्‍मेदार अधिकारी, इंजीनियर और कर्मचारी के बारे में भी जानकारी मांगते हुए उनपर कार्रवाई की बात कही है। हाईकोर्ट ने माना था कि अवैध निर्माण के समय यह लोग क्‍यों आंख बंद किए थे।

यहां बताते चले कि ‘राजधानी अपडेट’ ने भी पूर्व में न्‍यूज पोस्‍ट कर इस बात को प्रमुखता से उठाया था कि अवैध निर्माण के लिए जनता ही जिम्‍मेदार नहीं है। अवैध निर्माण की लिस्‍ट जारी करने के साथ ही सिर्फ निर्माणकर्ता का ही हर स्‍तर से नुकसान क्‍यों। इस पर एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह ने दावा किया था कि अवैध निर्माण के ध्‍वस्‍तीकरण के बाद इसके लिए जिम्‍मेदार इंजीनियर व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

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