लूट के लिए की गयी थी संस्‍कृति राय की हत्‍या, पकड़ा गया हत्‍यारा, लखनऊ पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी

संस्कृति राय हत्‍याकांड का खुलासा
मीडिया को जानकारी देते आइजी लखनऊ सुजीत पाण्डेय साथ में एसएसपी कलानिधि नैथानी। (फोटो-आरयू)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। पुलिस के साथ ही योगी सरकार की भी किरकिरी कराने वाले संस्कृति राय हत्‍याकांड का खुलासा आज राजधानी पुलिस ने कर दिया। ये बड़ी सफलता नवागत एसएसपी कलानिधि नैथानी के निर्देश के बाद लंबे समय से हत्‍यारों की तलाश में हाथ-पैर मार रही लखनऊ पुलिस को मिली है।

पुलिस ने गुरुवार को इस सनसनीखेज घटना का खुलासा करते हुए कहा कि पॉलीटेक्निक छात्रा की हत्‍या चार बदमाशों नें लूट के लिए की थी। पुलिस ने हत्‍या में शामिल एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन अन्‍य की तलाश की जा रही है। वहीं पुलिस ने पकड़े गये आरोपित के पास से संस्कृति राय से लूटा गया बैग, 2200 रुपये, कापी और अन्य कुछ दस्तावेज बरामद भी किए हैं।

यह भी पढ़ें- संस्‍कृति के हत्‍यारों की गिरफ्तारी के लिए युवा कांग्रेस ने निकाला कैंडिल मार्च

एडीजी जोन राजीव कृष्णा ने एक प्रेसवार्ता कर आज मीडिया को बताया कि छात्रा संस्कृति राय की हत्या के मामले में छानबीन कर रही पुलिस को मोबाइल फोन रिकॉर्ड, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और मुखबिर से कई अहम सुराग मिले थे। पुलिस ने कई लोगों से अलग-अलग बिन्दु पर बातचीत की। शुरू से ही पुलिस इस मामले में यह मानकर छानबीन कर रही थी कि संस्कृति की हत्या के पीछे शायद लूट मकसद हो सकता है, पर पुलिस के पास इस बात को साबित करने के लिए कोई सुबूत नहीं था।

संस्कृति राय हत्‍याकांड का खुलासा
पुलिस की चंगुल में आरोपित राजेश (मुंह बांधे हुए)। (फोटो-आरयू)

वहीं दूसरी तरफ इस मामले की छानबीन एसटीएफ को दे दी गयी। एसटीएफ की टीम ने छानबीन शुरू की पर उसको कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। इस बीच गाजीपुर पुलिस को इस बात का सुराग मिला कि संस्कृति राय मुंशी पुलिया से एक आटो में बैठकर बादशाहनगर रेलवे स्टेशन के लिए निकली थी।

एडीजी ने आगे बताया कि पुलिस ने जब सर्विलांस की मदद ली तो कुछ नंबर पुलिस को संदिग्‍ध लगे। इस आधार पर काम करते हुए पुलिस को सीतापुर के रामपुर कला के रहने वाले राजेश रैदास के बारे में पता चला। पुलिस ने जब उसका इतिहास खंगाला तो जानकारी मिली कि वह पेशेवर अपराधी है और उसके खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह रामपुर कला का हिस्स्ट्रीशीटर है।

यह भी पढ़ें- नवागत SSP को खुली चुनौती, ड्यूटी पर जा रहे HCP की राजधानी में दिनदहाड़े बदमाशों ने लूट ली पिस्‍टल

राजेश मौजूदा समय में अलीगंज गल्ला मण्डी के पास झोपट-पट्टी में रहता है। इस आधार पर बुधवार की रात गाजीपुर पुलिस ने राजेश रैदास को उठाया। पूछताछ शुरू की गयी तो पहले तो उसने पुलिस को गुमराह किया।

संदेह बढ़ने पर पुलिस ने उसके घर पहुंचकर तलाशी ली तो, वहां से संस्कृति राय का बैग, 2200 रुपये, बैग में रखी नोटबुक, घरवालों के कुछ फोटोग्राफ और अन्य दस्तावेज मिल गए। शक पुख्‍ता होने पर पुलिस ने सख्‍ती की जिसपर राजेश ने बताया कि उसने अपने तीन साथियों संग मिलकर लूट के इरादे से संस्कृति राय की हत्या की थी।

एडीजी जोन ने बताया कि इस हत्या में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। एक आरोपी यूपी से भागा हुआ है, पुलिस की टीम उसकी धर-पकड़ के लिए राज्य से बाहर गयी है। एडीजी जोन ने संस्कृति राय की हत्या का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है।

इस तरह की गयी थी हत्या

एडीजी जोन राजीव कृष्णा ने बताया कि पकड़े गये आरोपी राजेश के साथ उसके तीन साथी एक आटो में सवार थे। संस्कृति राय को आटो में बैठाने से एक घंटा पहले सभी ने मिलकर गल्लामण्डी के पास देशी शराब के ठेके पर शराब पी थी। इसके बाद आरोपियों ने लूट का प्लान बनाया। वह लोग आटो लेकर मुंशी पुलिया पहुंचे। साढ़े आठ बजे के करीब संस्कृति राय बैग लेकर मुंशी पुलिया पहुंची। वह बादशाहनगर रेलवे स्टेशन जाने के लिए सवारी तलाश रही थी। इस बीच सभी उसके पास आटो लेकर पहुंच गये। संस्कृति राय ने बादशाहनगर रेलवे स्टेशन जाने की बात कही। इस पर पीछे बैठे दो लोग उतर गये। संस्कृति राय पीछे वाली सीट पर बैठ गयी। आटो चालक ने इसके बाद उन दोनों लोगों को फिर से बैठा लिया जो लोग उतर गये थे और चालक ने दोनों को सवारी बताया।

बदमाशों ने इस रूट का किया था इस्‍तेमाल

वहीं आइजी रेंज सुजीत कुमार पाण्डेय ने बताया कि मुंशी पुलिया से आटो चलने के कुछ ही देर के बाद बदमाशों ने संस्कृति राय को पकड़ने के साथ ही उसका मुंह कसकर दबा दिया, ताकि वह शोर न मचा सके। मुंशी पुलिया के बाद आरोपी कलेवा, सी ब्लाक, अम्रपाली चौराहा, सेक्टर 25, टेढ़ी पुलिया, भिठौली होते हुए घैला पुल पहुंचे थे।

भिठौली के पास बदमाशों ने संस्कृति राय से उसका बैग छीनने की कोशिश की, पर उसने विरोध कर दिया। इस पर एक बदमाशा ने उसपर असलहा तान दिया था। असलहा देख संस्कृति राय सहम गयी और बदमाश उसको लेकर घैला पुल तक पहुंच गये थे।

यह भी पढ़ें- अपहरण के बाद मासूम छात्रा की हो गयी हत्‍या, बैठी रही राजधानी पुलिस, चौथे दिन जंगल में मिली लाश

राजेश ने पुलिस को बताया कि घैला पुल के पास एक सुनसान जगह पर उन लोगों ने आटो को रोक दिया। इसके बाद फिर से संस्कृति राय से बैग छीनने की कोशिश की, पर उसने एक बार फिर विरोध कर दिया।

विरोध से बौखलाए बदमाशों ने पुल की रेलिंग से संस्कृति राय का सिर टकरा दिया, जिससे उसको गंभीर चोट लगी और वह बेहोश हो गयी थी। इसके बाद बदमाशों ने उसका बैग छीना और पुल के दूसरी तरह अधमरी हालत में छोड़कर फरार हो गये।

खंगाले गए आठ लाख मोबाइल नंबर

एडीजी जोन राजीव कृष्णा ने बताया कि संस्कृति राय हत्याकाण्ड पुलिस के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी। पुलिस के पास इस हत्या के खुलासे के लिए कोई सुबूत और साक्ष्य नहीं थे। संस्कृति की हत्या पूरी तरह ब्लाइंड मर्डर केस था। इस घटना को लेकर पुलिस ने 278 आटो चालकों, 372 ओला, ऊबर चालकों और संस्कृति राय से जुड़े दर्जनों लोगों से पूछताछ की थी।

वहीं संस्कृति के घर से लेकर घटनास्थल के पीछे नौ मोबाइल टावर लगे थे। पुलिस ने सभी मोबाइल टावरों से करीब आठ लाख मोबाइल फोन का डाटा निकाला था। एक-एक कर खंगालने के बाद पुलिस ने आठ लाख लोगों के मोबाइल फोन से 20 हजार नंबरों को अलग किया था। इसके बाद छानबीन पर कुछ हद तक तस्‍वीर साफ हुई।

दो फुटेज में पैदल जाते दिखी थी संस्कृति

एडीजी ने बताया कि इन्दिरानगर से मुंशी पुलिया के बीच दो जगह संस्कृति राय की फुटेज पुलिस को मिली थी। पहली फुटेज रात 8.27 मिनट और दूसरी फुटेज 8.31 मिनट की थी। दोनों फुटेज में संस्कृति राय बैग टांगे हुए पैदल जाते दिख रही थी। उसके आगे और पीछे कोई भी संदिग्ध नहीं नजर आया।

अकेले महिलाओं के सफर पर उठे फिर सवाल

एक तरफ जहां पुलिस ने संस्कृति राय की हत्या का खुलासा कर दिया है, वहीं इस खुलासे ने शहर में महिलाओं के सफर पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं। खासकर रात के वक्त अकेली सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा सवालों के घेरे में है।

बदमाशों ने जिस तरह तेज तर्रार पालीटेक्निक की छात्रा संस्कृति राय को अपना शिकार बनाया, उससे यह साफ जाहिर होता है कि शहर में रात के समय अकेले महिलाओं का सफर करना सुरक्षित नहीं है। इस सनसनीखेज हत्या का खुलासा करने वाले अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं कि रात के समय चलने वाले आटो व कैब वालों की निगरानी बेहद जरूरी है।

आटो व कैब वालों का होगा सत्‍यापन

वहीं एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी ने घटना को बेहद गंभीर मानने के साथ ही आगे इस तरह की घटना न हो इसके लिए अब कमर कसने की बात कही है। उन्‍होंने कहा कि अब मातहतों को इस बात की जिम्मेदारी दी जा रही है कि वह शहर में आटो, टैम्पो व कैब चलाने वालों का सत्यापन कराएं और उनकी समय-समय पर चेकिंग भी करे। वहीं उन्होंने बताया कि शहर में कुछ जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की आवश्यकता है। उसके लिए भी काम शुरू किया जा रहा है।

खुलासा में इनका रहा अहम योग्‍दान

इंस्‍पेक्‍टर गाजीपुर सुजीत कुमार राय, एसएसआइ शिव प्रसाद पाण्‍डेय, चौकी इंचार्ज पॉलीटेक्निक  राजेश राय, एसआइ लोकेश गौतम के अलावा लखनऊ की सर्विलांस सेल की टीम व गुडंबा पुलिस।

यह भी पढ़ें- नौकरी से लौट रही युवती को अगवा कर रेप की कोशिश, घिरने पर चलती विक्रम से फेका, मौत