हाई कोर्ट की फटकार का असर, बसंतकुंज के 17 भवनों से निकले गए अवैध कब्‍जेदार, अरसे बाद 11 आवंटियों को मिला घर

बसंतकुंज आश्रयहीन कॉलोनी
महिलाओं को समझाते इंस्पेेक्टर। (फोटो- आरयू)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट के तौर पर हरदोई रोड पर आश्रयहीनों के लिए बसाई गयी बसंतकुंज कॉलोनी के 17 मकानों से शनिवार को एलडीए ने पुलिस व प्रशासन के टीम की सहायता से अवैध कब्‍जेदारों को बाहर किया। अवैध कब्‍जेदारों के हटते ही एलडीए की टीम ने आज 11 मूल आवंटियों को कब्‍जा भी दे दिया है।

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लंबे समय के संघर्ष के बाद मिले मकान में ताला बंद करती आवंटी पुष्पा। (फोटो- आरयू)

अपने ही आशियाने के लिए 12-15 सालों से एलडीए के अधिकारियों के सामने हाथ-पैर जोड़ रहे आवंटियों को मकान मिलते ही उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं अन्‍य छह खाली मकान के आवंटियों के मौके पर नहीं होने के चलते एलडीए ने उसे अपने कब्‍जे में ले लिया है। जिला प्रशासन और पुलिस के साथ एलडीए की ये बड़ी कार्रवाई पिछले दिनों हाई कोर्ट की फटकार लगने के बाद आज संभव हो सकी।

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महिला पुलिसकर्मी भी रहीं मुस्तैद। (फोटो- आरयू)

हंगामें और नारेजबाजी के बीच महिला की बिगड़ी हालत

वहीं कब्‍जा हटाने जिला प्रशासन, पुलिस व पीएसी के साथ पहुंची एलडीए की टीम को स्‍थानीय लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। बड़ी संख्‍या में पुरुष के साथ ही महिलाओं ने भी हंगामा करने के साथ ही एलडीए व पुलिस-प्रशासन विरोधी नारेबाजी की। इस दौरान एक महिला की तबियत भी बिगड़ गयी, जिसका उपचार कराया गया। लंबे समय से मकानों में अवैध रूप से रह रहे कब्‍जेदार भी मकान छोड़ते समय फफक पड़े।

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आशियाना छीनने के बाद अपनी गृहस्थीे के साथ उदास महिला। (फोटो- आरयू)

अवैध कब्‍जेदारों को निकालने वाले अफसर क्‍या इसके लिए जिम्‍मेदार भ्रष्‍ट और लापरवाह मातहतों पर भी ईमानदारी से करेंगे कार्रवाई

अवैध कब्‍जेदारों पर आज से कार्रवाई शुरू कर भले ही एलडीए ने एक अच्‍छी पहल की है, लेकिन अब सवाल ये उठता है कि इसके लिए जिम्‍मेदार एलडीए के कर्मचारियों को चिन्हित कर उन पर भी अधिकारी इतनी ही ईमानदारी से कार्रवाई करेंगे। जबकि अवैध कब्‍जेदारों का साफ तौर पर कहना है कि उन्‍हें एलडीए के ही बाबूओं व अन्‍य कर्मचारियों के जरिए मकान के पेपर मिले हैं।

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कार्रवाई के विरोध में सड़क पर प्रदर्शन के लिए बैठे लोग। (फोटो- आरयू)

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वहीं करीब तीन सौ मकानों पर अवैध कब्‍जे के मामले में हाल ही में हाई कोर्ट ने भी एलडीए वीसी पर सख्‍त टिप्‍पणी करते हुए सवाल उठाया था कि अवैध कब्‍जे के समय एलडीए क्‍या कर रहा था। हाई कोर्ट ने इसमें एलडीए के कर्मचारियों की लापरवाही और संलिप्‍तता की बात भी कही थी। इतना ही नहीं मूल आवंटी भी मकान दिलाने के एवज में एलडीए के एक बाबू शैलेंद्र श्रीवास्‍तव पर 50 हजार रुपए मांगने का आरोप एलडीए की जनता अदालत तक में लगा चुका है, लेकिन कार्रवाई करना तो दूर एलडीए के अधिकारियों ने उसकी जांच कराकर प्रेस नोट भी जारी करना जरूरी नहीं समझा।

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कब्जे के लिए भवन का ताला भी पड़ा तोड़वाना। (फोटो- आरयू)

कार्रवाई के दौरान ये अफसर रहें मौजूद-

हंगामें और बवाल की आशंका पर आज सुबह पूरी तैयारी के साथ बसंतकुंज आश्रयहीन कॉलोनी पहुंचने वाली टीम में अपर जिलाधिकारी पश्चिम संतोष कुमार वैश्‍य, एएसपी वेस्‍ट विकास चंद्र त्रिपाठी, एलडीए के नजूल अधिकारी विश्‍वभूषण मिश्र, सिटी मजिस्‍ट्रेट विवेक श्रीवास्‍तव, नगर मजिस्‍ट्रेट-6 हरीशचन्‍द्र सिंह, अपर नगर मजिस्‍ट्रेट द्वितीय एके राय,  क्षेत्राधिकारी चौक डीपी तिवारी, एलडीए के अधिशासी अभियंता प्रताप शंकर मिश्रा के अलावा चौक, ठाकुरगंज, काकोरी समेत कई थानों की पुलिस, पीएसी व महिला पुलिस बल भी मौजूद रही।

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ध्वनि विस्तारक यंत्र के जरिए भीड़ को समझाते एएसपी वेस्ट। (फोटो- आरयू)

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हाई कोर्ट के आदेश पर 17 भवनों से अवैध कब्‍जा हटाया गया है। भविष्‍य में योजना के तहत अन्‍य अवैध कब्‍जेदारों को भी हटाकर मूल आवंटियों को उनके आवास दिलाए जाएंगे। साथ ही अवैध कब्‍जा कराने में एलडीए के कर्मचारी की संलिप्‍तता मिलने पर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।     मंगला प्रसाद सिंह, एलडीए सचिव

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