ममता बनर्जी का आरोप, गुजरात चुनाव जीतने के लिए समान नागरिक संहिता का इस्तेमाल कर रही भाजपा

समान नागरिक संहिता

आरयू वेब टीम। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का इस्तेमाल कर रही है। ममता ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल में सीएए को कभी भी लागू नहीं होने देंगी।

साथ ही ममता बनर्जी ने भाजपा पर राज्य की मांग उठाकर पश्चिम बंगाल में अलगाववाद को बढ़ावा देने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया और कहा कि वह कभी भी राज्य के विभाजन की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने कहा, “जब भी कोई चुनाव आता है, भाजपा सीएए और एनआरसी को लागू करने की बात करती है। इस साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनावों के साथ, और लोकसभा चुनाव सिर्फ डेढ़ साल दूर हैं, इसने फिर से सीएए के मुद्दे को भड़काना शुरू कर दिए है।”

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कृष्णानगर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, “क्या भाजपा तय करेगी कि कौन नागरिक है और कौन नहीं? मतुआ इस देश के नागरिक हैं।” राजनीतिक रूप से शक्तिशाली मटुआ समुदाय की उत्पत्ति पूर्वी बंगाल या वर्तमान बांग्लादेश में हुई है। उनमें से कई उत्तर 24 परगना और नदिया जिलों में रहते हैं।

आगे कहा, “भाजपा राज्य के उत्तरी हिस्सों में राजबंशी और गोरखाओं को भड़काकर पश्चिम बंगाल में अलगाववाद को बढ़ावा दे रही है। हम पश्चिम बंगाल के विभाजन की अनुमति कभी नहीं देंगे।”

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