आरयू ब्यूरो, लखनऊ। शुक्रवार को संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा तीन नए कृषि कानूनों की तारीफ करने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने रामनाथ कोविंद के अभिभाषण को किसान व गरीबों के लिए घोर निराशाजनक बताने के साथ ही कहा है कि किसानों की प्रताड़ना पर भी सरकारी चुप्पी दुखद है।
आज इस बारे में ट्विट कर मायावती ने कहा कि संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति का अभिभाषण खासकर किसानों व गरीबों आदि के लिए घोर निराशाजनक। कृषि के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने वाला किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर काफी आंदोलित है व सरकारी प्रताड़ना झेल रहा है जिसपर सरकारी चुप्पी दुखद।
साथ ही मायावती ने अपनी पार्टी की बढ़ाई करते हुए कहा कि बीएसपी ने केंद्र सरकार द्वारा काफी अपरिपक्व तरीके से लाए गए नए कृषि कानूनों का संसद में व संसद के बाहर हमेशा विरोध किया है। देश के गरीबों, दलितों व पिछड़ों आदि की तरह किसानों के शोषण व अन्याय के विरूद्ध व इनके हक के लिए भी बीएसपी हमेशा आवाज उठाती रहेगी।
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पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया पर आगे कहा है कि बीएसपी ने देश के आंदोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में आज राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया।
मायावती ने अपने एक अन्य ट्विट में कहा है कि कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केंद्र से एक बार फिर अनुरोध करने के साथ ही गणतंत्र दिवस पर हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाने को कहा। इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई। सरकार ध्यान दे।