मायावती ने पूछा क्‍या आधुनिक हथियारों का इस्‍तेमाल जनाक्रोश दबाने में करेगी भाजपा सरकार

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो ने एक बार फिर कानून-व्‍यवस्‍था और पुलिस के मनोबल को लेकर योगी सरकार के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि देश भर में पुलिस का मनोबल ऊंचाकर रखने के लिए जरूरी है कि देश में कानून का राज हो तथा कानून को अपने हाथ में लेने व कानून से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी प्रकार का शह व संरक्षण देने के बजाय उन्हें कानूनी तौर पर दण्डित किया जाए।

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पूर्व मुख्‍यमंत्री ने अपने एक बयान में आज यह भी कहा कि कानून-व्‍यवस्‍था के मामले में केन्द्र सहित प्रदेश की बीजेपी की सरकारें नाकाम साबित होकर अपनी संवैधानिक जिम्‍मेदारी से विमुक्त नजर आ रही है। वहीं उन्‍होंने भाजपा सरकार के नए पैकेज पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे में 25 हजार करोड़ रूपये के कथित ‘पुलिस सुधार पैकेज’ की घोषणा शायद ही जनोपयोगी साबित हो।

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बसपा अध्‍यक्ष ने आगे कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में खासकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखण्ड एवं मध्य प्रदेश में पुलिस का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है। इन हालात में विशेषकर बीजेपी एण्ड कम्पनी के हिंसक कट्टरवादी व आपराधिक तत्वों को खुलेआम कानून के साथ खिलवाड़ करने के अलावा पुलिसवालों के साथ ही मारपीट और दुव्र्यवहार कर उन्‍हें अपमानित करने की जो छूट दी गयी है उससे पूरे पुलिस बल में हताशा व निराशा है।

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इतना ही नहीं मायावती ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी अपनी ड्यूटी सही ढ़ग से निभाने में खुद असमर्थ पा रहे हैं। उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है तथा ऐसे जंगलराज जैसे हालात में पुलिस की साज-सज्जा व नये आधुनिक हथियार किस काम के हैं? क्या इनका इस्तेमाल अपराधियों के खिलाफ करने के बजाय जनान्दोलन व जनाक्रोश दबाने के लिये किया जाएगा? आज यह सवाल पुलिस व्यवस्था में सुधार की मांग करने वाले वरिष्ठ लोग उठा रहे हैं जो अत्‍यंत सार्थक प्रश्‍न है।

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दूसरी ओर प्रदेश के नए डीजीपी के बारे में दोपहर तक कोई स्थिति साफ नहीं होने पर मायावती ने कहा कि प्रदेश के पुलिस मुखिया की नियुक्ति या वर्तमान पुलिस प्रमुख की ही सेवाकाल में वृद्धि के बारे में आज अंतिम समय तक कोई फैसला नहीं कर पाने से समस्त पुलिस बल के मनोबल में जो गिरावट आ रही है उसका अंदाजा ना तो प्रदेश की योगी सरकार को है और ना ही केन्द्र की मोदी सरकार को।

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उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि बड़ें पर्वों के समय में भी ऐसी हरकतों का घोर लापरवाही नहीं तो और क्या कहा जायेंगा? क्या केन्द्र व प्रदेश बीजेपी सरकारों के ऐसा बर्ताव इनकी गै़र-जन हितैषी कार्य प्रणाली को नहीं दर्शाता है?

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वहीं मायावती ने आज मुंबई हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति अफसोस जताते हुए अपने बयान में कहा कि खासकर त्योहार के समय में इस प्रकार का हादसा बहुत ही तकलीफ देने वाला है। केन्द्र व राज्य सरकार न केवल मृतक लोगों के परिवारों को समुचित अनुग्रह राशि दे बल्कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की रोकथाम पर भी गंभीर होकर पूरा-पूरा ध्यान दे।

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