पुलवामा
इसी मकान में छिपे थे आतंकी।

आरयू वेब टीम। 

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले को बीते अभी चार दिन भी नहीं हुए हैं कि सोमवार को एक बार फिर सेना के जवानों को शहादत देनी पड़ी है। आतंक के खात्‍मे के लिए पुलवामा हमले के बाद अभियान तेज करने के दौरान पुलवामा से करीब 15 किलोमीटर दूर पिंगलीना गांव में सोमवार सुबह आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सेना के चार जवान शहीद हो गए। इनमें एक मेजर भी शामिल हैं, जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ है। सभी शहीद जवान 55 राष्ट्रीय राइफल्स के थे। इसके अलावा इस मुठभेड़ में पुलिस का भी एक जवान शहीद हुआ है।

वहीं इस दौरान गोलाबारी में एक स्थानीय नागरिक की भी मौत हो गई है। जबकि मुठभेड़ में ब्रिगेडियर, लेफ्टिनेंट कर्नल, डीआइजी पुलिस समेत सुरक्षाबलों के नौ लोग घायल हुए हैं। लगभग 18 घंटे चली इस मुठभेड़ में पुलवामा अटैक के लिए जिम्‍मेदार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के तीन आतंकी भी मारे गए हैं।

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मारे गए आतंकियों में हाल ही में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के मास्टरमाइंड कामरान और गाजी रशीद भी मारे गए हैं, पाकिस्‍तानी आतंकी कामरान और गाजी ने पुलवामा अटैक में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके चलते पांच जवानों को खोने के बाद भी इस मुठभेड़ को काफी अहम माना जा रहा है। वहीं मारा गया तीसरा आतंकी स्‍थानीय पिंगलीना निवासी हिलाल अहमद था।

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बताते चलें कि गाजी रशीद जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के सबसे भरोसेमंद करीबियों में से एक माना जाता है। गाजी को युद्ध तकनीक और आइईडी बनाने की ट्रेनिंग तालिबान से मिली है और इस काम के लिए उसे जैश का सबसे भरोसेमंद माना जाता है।

बताया जा रहा है कि गांव में खूंखार पाकिस्‍तानी आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद रविवार देर रात से मुठभेड़ शुरू हो गई थी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने यहां की एक बिल्डिंग को ही उड़ा दिया, जहां आतंकी छिपे बैठे थे।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जो जवान इस मुठभेड़ में शहीद हुए हैं उनमें मेजर डीएस डोंडियाल, हेड कॉन्स्टेबल सेवा राम, सिपाही अजय कुमार और सिपाही हरी सिंह शामिल हैं।

वहीं गाजी के बारे में कहा जा रहा है कि वो पिछले साल नौ दिसंबर को ही सीमा पार कर कश्मीर में घुस आया था। पुलवामा हमले के बाद सुरक्षाबलों ने उसे और कामरान को पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया था।

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