मोबाइल ऐप से होगी 2021 में 16वीं जनगणना, 12 हजार करोड़ होंगे खर्च

16वीं जनगणना
कार्यक्रम में बोलते गृह मंत्री

आरयू वेब टीम। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्‍ली में कहा कि 16वीं जनगणना 2021 में होने वाली है। जनगणना के दौरान एक देश एक पहचान पत्र के सुझाव का प्रस्ताव दिया है। गृह मंत्री ने ऐसे मल्टीपर्पज पहचान पत्र के सुझाव का प्रस्ताव दिया जो अकेला ही पासपोर्ट, आधार, वोटर कार्ड, बैंक खाता और ड्राइविंग लाइसेंस का काम करेगा।

साथ ही अमित शाह ने बताया कि इस बार सरकार अब तक हुईं सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा व्यय करने जा रही है। इस बार सरकार लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। 2021 में जो जनगणना होगी इसमें हम मोबाइल ऐप का प्रयोग करेंगे। जनगणना का डिजिटल डेटा होने से अनेक प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।

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वहीं शाह ने यह भी कहा कि सन् 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है।

अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार 22 योजनाओं का रेखांकन जनगणना के आधार पर कर रही है। बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ की योजना भी इसी जनगणना के आंकड़ों के आधार पर निकली, जिस पर सही से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनगणना को संपूर्ण बनाने के लिए 16 भाषाओं को रखा गया है, जिससे लोग अपनी जानकारी सही तरीके से दे सकें।

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उन्होंने कहा कि डिजिटल जनगणना होने से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक कार्ड समेत सभी कार्ड एक जगह आ जाएंगे, जिसके जरिए सब कुछ सही तरीके से हो सकता है, हालांकि इस पर अभी काम नहीं किया जा रहा है लेकिन जनगणना के डिजिटल होने से यह काम आसानी से हो सकता है।

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