ज्ञानवापी में त्रिशूल-मूर्ती मिलने का खंडन कर मुस्लिम पक्ष ने कहा, अफवाह फैलाएंगे तो हम ASI सर्वे से जाएंगे हट

मुस्लिम पक्ष की चेतावनी

आरयू ब्यूरो, वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के बीच रविवार को मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से बड़ा बयान आया है। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए प्रक्रिया से अलग होने की चेतावनी दी। दरअसल, ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे के तीसरे दिन शनिवार को हिंदू पक्ष की वादिनी महिला और अधिवक्ताओं ने दावा किया कि तहखाने में मूर्तियों और मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष मिले हैं।

हिंदू पक्ष के दावों पर मुस्लिम पक्ष ने रविवार को प्रतिक्रिया दी और दावों को अफवाह करार देते हुए इसे रोकने की बात कही। मीडिया से बातचीत में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने अफवाह फैलाई कि मस्जिद के अंदर तहखाने में मूर्तियां, त्रिशूल और कलश मिले हैं, जो सही नहीं है। साथ ही कहा कि मेरा प्रतिनिधि वहां मौजूद है। उसने कोई भी साक्ष्य मिलने की बात नहीं कही है। आगे उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए, कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनका कर्तव्य है। वहीं चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अफवाह पर रोक नहीं लगी तो हम लोग सर्वे से अलग हो जाएंगे।

कुछ इसी तरह की बात अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने भी कही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद मुस्लिम पक्ष शनिवार को सर्वे में शामिल हुआ। रविवार को भी वकील सर्वे में मौजूद रहें, लेकिन सर्वे को लेकर जिस तरह की बेबुनियाद बातें फैलाई जा रही हैं, अगर उन्हें नहीं रोका गया तो हम लोग सर्वे की प्रक्रिया से अलग हो सकते है। साथ ही कहा कि एएसआई की तरफ से सर्वे व उसकी रिपोर्ट जब कोर्ट में जमा की जाएगी तो आगे के बारे में सोचा जाएगा।

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बता दें कि ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे के तीसरे दिन शनिवार को हिंदू पक्ष की वादिनी महिला और अधिवक्ताओं ने दावा किया कि तहखाने में मूर्तियों और मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष मिले हैं। अभी एएसआई को ऐसे कई और प्रमाण मिलेंगे, जिनके आधार पर वैज्ञानिक पद्धति से यह स्पष्ट हो जाएगा कि ज्ञानवापी का धार्मिक स्वरूप बदला गया था। हिंदू पक्ष की तरफ से वादिनी सीता साहू और अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने पत्रकारों से बात की और कहा कि एएसआई की टीम के साथ ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य सभी हिस्सों में गए थे।

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