मुकदमों से नाराज AAP सांसद संजय सिंह ने पुलिस कमिश्‍नर लखनऊ समेत आठ जिलों के अफसरों कि सभापति से की शिकायत  

सांसद संजय सिंह

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। हाल के दिनों में उत्‍तर प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में अपने ऊपर दर्ज किए गए मुकदमों से नाराज आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति वैंकैया नायडु से लखनऊ पुलिस कमिश्‍नर समेत सात अन्‍य जिलों के पुलिस अधीक्षकों कि शिकायत की है।

अपनी शिकायत में संजय सिंह ने कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि लखनऊ के पुलिस कमिश्‍नर सुजीत कुमार पांडेय, एसपी बस्‍ती हेमराज मीणा, एसपी बागपत अभिषेक सिंह, एसपी मुजफ्फरनगर अभिषेक यादव, एसपी लखीमपुर खीरी सत्येंद्र कुमार, एसपी संतकबीरनगर बृजेश सिंह, एसपी गोरखपुर सुनील गुप्ता व एसपी अलीगढ़ मुनिराज ने उनके खिलाफ बेबुनियाद एफआइआर दर्ज कराकर मुझे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की जिम्‍मेदारी से रोकने का प्रयास किया है, जो सीधा विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है सभी पुलिस अधिकारियों को संसद के विशेषाधिकार समिति के समक्ष बुलाकर सख्त कार्रवाई की जाय।

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‌आप के मुख्‍य प्रवक्‍ता वैभव महेश्‍वरी ने बताया कि संजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति से कहा है कि लोकतंत्र में  हर व्यक्ति को किसी भी सरकार के अन्याय के खिलाफ बोलने का संवैधानिक अधिकार है। देश के सर्वोच्च सदन का राज्यसभा सांसद हूं इस सदन के सदस्यों का प्राथमिक कर्तव्य राज्यों के मुद्दे उठाना और उनके निराकरण का प्रयास करना है। मेरे द्वारा बोले गए सच का गला घोटने के लिए उपरोक्‍त पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से विभिन्न जिलों में मेरे खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर एक नागरिक के तौर पर मेरे संवैधानिक अधिकारों और एक संसद सदस्य के रूप में मेरे विशेषाधिकार का हनन किया गया है, यह सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि देश के उच्च सदन का भी अपमान है। हमारे देश का संविधान प्रतिष्ठा और अवसर की समानता, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय और व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने की गारंटी देता है और इसे सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास करना इस सदन और इसके हर सदस्य का सर्वोच्च दायित्व है।

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साथ ही वैभव महेश्‍वरी ने बताया कि सांसद संजय सिंह ने कुछ दिनों पहले योगी सरकार को सिर्फ ठाकुरों के लिए काम करने वाली सरकार कहा था। उन्‍होंने मुद्दा उठाया था‍ कि जाति आधार पर आम लोगों के साथ थानों से लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय तक भेदभाव किया जा रहा।

इसके अलावा यूपी में सीओ समेत आठ पुलिस के जवानों के शहीद होने, पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या, संजीत यादव का अपहरण व हत्या, बृजेश पाल का अपहरण और हत्या और ह प्रयागराज में एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या, लखीमपुर खीरी व जौनपुर में बच्चियों के साथ बलात्कार व हत्या, नोएडा की सुदीक्षा भाटी कांड व गाजियाबाद विक्रम त्यागी कांड पर पर भी संजय सिंह ने योगी सरकार से जवाब मांगा था।