आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। चार महीना पहले राजधानी में जान गंवाने वाले कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर अनुराग तिवारी के मौत की गुत्थी विसरा रिपोर्ट खुलने के बाद भी नहीं सुलझ सकी है। सूत्रों के अनुसार चंढ़ीगड़ सीएफएल से आई अनुराग तिवारी की विसरा रिपोर्ट निगेटिव निकली है। मतलब कि विसरा में किसी प्रकार का विष या केमिकल नहीं पाया गया है।
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शनिवार को राजधानी पहुंचने वाली विसरा रिपोर्ट को आज घटना की जांच करने वाली सीबीआई की टीम, सीएमओ व पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों की मौजूदगी में खोला गया। हालांकि लिफाफा खुलने के बाद किसी भी तरह के केमिकल या विष नहीं मिलने से एक बात साफ हो गई कि अनुराग की मौत दम घुटने से ही हुई थी।
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इस पर सीबीआई ने आज डॉक्टरों से दम घुटने की कंडीशन पर भी पूछताछ की। सूत्र बताते है कि डॉक्टरों ने सीधे तौर पर अनुराग तिवारी की हत्या किए जाने की ओर इशारा कर दिया है। डॉक्टरों का कहना था कि नाक और मुंह दबने की वजह से अनुराग का दम घुटा था। अब यह नाक और मुंह कहां और किन परिस्थितियों में दबाया गया। यह जांच में ही सामने आ सकता है।
समझा जा रहा है कि विसरा रिपोर्ट सामने आने और डॉक्टरों के तर्क के बाद अब सीबीआई नए सिरे से भी जांच शुरू कर सकती है। जिसमें उसका मकसद सिर्फ और सिर्फ अनुराग तिवारी के हत्यारे को तलाशना हो सकता है।
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गलत तरीके से विसरा प्रिजर्व करने से तो नहीं बदली रिपोर्ट
बता दें कि केजीएमयू की मॉच्युरी में अनुराग तिवारी के पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों ने जमकर मनमानी और लापरवाही की थी। जिसके चलते विसरा रिपोर्ट बदल जाने की संभावना से भी जानकार इंकार नहीं कर रहे है।
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‘Rajdhaniupdate.com‘ ने भी अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया था कि किस तरह से डॉक्टरों ने इतने महत्वपूर्ण केस मे न सिर्फ लापरवाही दिखाई, बल्कि विसरा को कबाड़ के गंदे जार में भरवा दिया। इतना ही नहीं विसरा प्रिजर्व करने में मात्रा का भी ध्यान नहीं रखा गया। इसके अलावा तमाम तथ्यों को देखकर यह भी कहा जा रहा है कि डॉक्टरों ने अगर मानकों के अनुरूप पोस्टमॉर्टम किया होता तो घटना वाले ही दिन अनुराग के मौत की सटीक वजह और परिस्थितियां साफ हो जाती।
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