आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी से निकाली गई नेता ऋचा सिंह ने अब पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ॠचा ने मंगलवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सपा ने कार्रवाई को तानाशाही और अलोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत की है। साथ ही सपा पर भी कार्रवाई की मांग की है।
ॠचा सिंह ने कहा कि मैं इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पहली महिला छात्रसंघ अध्यक्ष हूं। मैंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी पेश की थी। 16 फरवरी 2023 को पार्टी ने मुझे अचानक बाहर निकाल दिया। इसकी सूचना मुझे पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से मिली। इस मामले को लेकर मुझे पहले कोई चेतावनी नहीं दी गई। कारण बताओ नोटिस भी जारी नहीं किया गया। यह पूरा मामला अलोकतांत्रिक प्रक्रिया के दायरे में आता है।
आगे कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को अपने नेता के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए। इसे प्राकृतिक न्याय के दायरे में माना जाता है। नेचुरल जस्टिस के तहत समाजवादी पार्टी को मुझे पहले कारण बताओ नोटिस जारी करना चाहिए था। इसके बाद मुझे अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए। ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।
यह भी पढ़ें- आखिरकार रोली मिश्रा-ऋचा सिंह सपा ये हुईं निष्कासित, नेताओं को मिलें निर्देश
ऋचा सिंह ने कहा कि पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र और प्राकृतिक न्याय मेरे खिलाफ कार्रवाई में नहीं दिखता है। पार्टी ने मुझ पर कार्रवाई से पहले कोई चेतावनी नहीं जारी की। यह समाजवादी पार्टी के संविधान के आर्टिकल 30 का उल्लंघन है। यह कार्रवाई पार्टी की आंतरिक लोकतंत्र और प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। उन्होंने चुनाव आयोग को लिखे गए पत्र में समाजवादी पार्टी के खिलाफ इस कार्रवाई को राजनीतिक दलों के लिए बनाए गए नियम और प्रावधानों के आधार पर कार्रवाई की मांग की है।