आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। निकाय चुनाव से पहले ये बगावत राजभर के लिए किसी झटके से कम नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर समेत कई नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। साथ ही नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि ओमप्रकाश राजभर परिवारवाद कर रहे हैं। सुभासपा अब पिता-पुत्र की पार्टी बनकर रह गई है। ओम प्रकाश गरीबों की बात करते थे, लेकिन वह अपने मिशन से भटक गए हैं।
सोमवार को आयोजित एक प्रेसवार्ता में सुभासपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने सुभासपा प्रमुख पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सुभासपा प्रमुख पैसे लेते हैं और पार्टी में कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं होता। महेंद्र राजभर ने कहा कि हम 30 लोग आज पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में हम लोगों ने पार्टी के लिए पूरी मेहनत की। अब्बास अंसारी के समर्थन में नहीं थे, लेकिन पार्टी के हर फैसले में साथ थे। एक सवाल के जवाब में कहा ओमप्रकाश राजभर मुख्तार के फरार बेटे व विधायक अब्बास अंसारी को बचाने की कोशिश में जुटे हैं।
उन्होंने कहा कि 20 साल पहले हम सभी की मौजूदगी में पार्टी बनाई गई थी। उस समय पार्टी का मिशन गरीब, दलित, मजदूर और वंचित समाज का उत्थान रखा गया था, जबकि उसके बाद से कार्यकर्ताओं के खून-पसीने से बनी पार्टी का इस्तेमाल ओमप्रकाश राजभर ने केवल धन बटोरने के लिए किया।
काफी समय से महेंद्र राजभर नाराज चल रहे थे। हाल के दिनों में कई नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की थी, लेकिन सोमवार को उन्होंने प्रेसवार्ता कर 30 पदाधिकारियों के साथ पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी।
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सुभासपा छोड़ने वाले नेताओं में मुख्य रूप से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम राजभर, प्रदेश उपाध्यक्ष अवधेश राजभर प्रदेश महासचिव अर्जुन चौहान, प्रदेश महासचिव रामआसरे पासवान, जिलाध्यक्ष कुशीनगर ओम प्रकाश राजभर, प्रदेश महासचिव रमेश सिंह चौहान समेत अन्य कार्यकर्ता शामिल हैं।