दर्दनाक: मां की लाश के साथ 20 दिनों से घर में रह रहा था बेटा, पति थे LDA के इंजीनियर

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इसी चारपाई पर थी वृद्धा की लाश। फोटो- आरयू

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। निरालानगर में आज रात दिल को झकझोर देने वाला सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक घर में 90 वर्षीय मां की लाश के साथ करीब बीस दिनों से बेटा रह रहा था। घर से बदबू उठने पर आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दिया।

कंबल से ढकी थी लाश

जानकारी पाकर घटनास्‍थल पर पहुंची पुलिस ने चारपाई पर कंबल से ढका शव देखा तो उसके होश उड़ गए। शव की स्थिति देख उसके बीस दिन पुराने होने का अंदाजा लगाया जा रहा था। पुलिस ने मौत की वजह और समय का पता लगाने के लिए शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

वृद्धा के साथ रह रहे अधेड़ बेटे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं बताई जा रही, जबकि उसकी बहन पांच दिनों से गायब है। मृतका के पति एलडीए से अधिशासी अभियंता के पद से रिटायर थे। करीब 27 साल पहले उनकी भी मौत हो चुकी है।

पुलिस मान रही स्‍वाभाविक मौत

मौके पर पहुंचे एसपी ट्रांस गोमती दुर्गेश कुमार ने बताया किला ख 15 से 20 दिन पुरानी लग रही है। प्रथम दृष्‍टया मामला स्‍वाभाविक मौत का लग रहा है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद बाकी कि स्थिति साफ हो जाएगी।

घर में गृहस्‍थी के चंद सामानों को छोड़कर ऐसा कुछ नहीं था जिससे कि लूट की बात की जा सके। इसके अलावा पूछताछ के लिए मृतका की बेटी का भी पता लगाया जा रहा है। दूसरी ओर लोग घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चा कर रहे है।

अविवाहित थे भाई-बहन

इंस्‍पेक्‍टर हसनगंज के अनुसार निरालानगर निवासी रहमत खां करीब तीन दशक पहले एलडीए से अधिशासी अभियंता के पद से रिटायर हुए थे। रिटायर्मेंट के कुछ साल ही बाद उनकी मौत हो गई थी। जिसके बाद से पत्नी मोना जबीन, बेटा फिरोज जमाल(52) व बेटी हेमा(44) साथ ही रह रहे थे। दोनों की शादी नहीं हुई थी।

…जब फिरोज ने कहा मां थी कहां छोड़कर जाता

हमेशा खाली रहने वाले घर में पुलिस और लोगों की भीड़ देखने के बाद रह-रहकर बेकाबू और खामोश हो जा रहे फिरोज को कुछ समझ नहीं आ रहा था। कमरे में तेज बदबू के बीच पुलिस भी ठहर नहीं पा रही थी। इसी बीच एसपी टीजी ने दुनिया के लिए पागल फिरोज से कमरे में क्‍यों और कैसे रहने की वजह पूछ ली।

सामने से जो जवाब आया उसे सुनने के बाद पत्‍थर दिल कही जाने वाली पुलिस भी हिल गई। जवाब था मां थी मां को छोड़कर कहां जाता।

पति की भी हुई थी ऐसे ही मौत

एसपी टीजी ने बताया कि करीब डेढ़ दशक पहले रहमत खां की भी ऐसे ही मौत हुई थी। मौत के समय घर में कोई नहीं था। कई दिनों के बाद लोगों को घटना की जानकारी हुई थी।

…मौका परस्‍त समाज ने भी लूटा

एक समय ऐशो आराम से भरे रहने वाले घर में आज साधारण गृहस्‍थी भी नहीं थी। लगभग खाली पड़े घर में पुलिस को मोना जबीन की लाश भी प्‍लाई की मामूली फोल्डिंग पर मिली। रहमत के घर पर वक्‍त की मार तो पड़ी ही बेरहम समाज ने भी नहीं बख्‍शा।

मौके पर जुटे लोगों ने बताया कि अक्‍सर शरारती तत्‍व फिरोज को किसी बहाने से छेड़ देते थे, जिसके बाद वह घर का सामान बाहर फेंकने लगता था। फिरोज की इसी कमजोरी का फायदा उठाकर मौका परस्‍त लोग समान समेटकर भाग जाते थे। यह सिलसिला काफी लंबे समय से चल रहा था।

अच्‍छे इंसान थे रहमत

एलडीए संयुक्‍त सचिव एनएन सिंह ने घटना पर अफसोस जताते हुए बताया कि रहमत खां काफी मिलनसार और लोगों के काम आने वालों में से थे। वह अच्‍छे अधिकारी के साथ ही बहुत अच्‍छे इंसान भी थे।