राजकीय सम्‍मान के साथ पंचतत्‍व में विलीन हुए मनोहर पर्रिकर, बड़े बेटे दी मुखाग्नि

पंचतत्‍व
मनोहर पर्रिकर की अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़।

आरयू वेब टीम। 

गोवा के मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्रिकर पंचतत्‍व में विलीन हो गए। शाम छह बजे दोनों बेटों ने एसएजी ग्राउंड पर अंतिम संस्‍कार की सारी रस्‍में पूरी की। वैदिक मंत्रोच्‍चार के बीच उनके पार्थ‍िव शरीर को बड़े बेटे ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्‍कार किया। इसस पहले उनकी पार्थि‍व देह से तिरंगा हटाया गया। इसके बाद गोलियों के साथ उन्‍हें राजकीय सम्‍मान दिया गया।

पर्रिकर की अंतिम यात्रा शाम चार बजे शुरू हुई। अंतिम संस्कार के लिए उनका पार्थ‍िव शरीर शाम पांच बजे मिरामर पहुंचा। सोमवार को उनका पार्थ‍िव शव सबसे पहले बीजेपी ऑफिस में रखा गया। इसके बाद उसे कला परिषद में लाया गया। पूर्वान्‍ह 11 बजे से शाम चार बजे तक गोवा के लोगों ने अपने मुख्‍यमंत्री के अंतिम दर्शन कि‍ए। पर्रिकर लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे।

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राजधानी पणजी की सड़कों पर अपने नेता को विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। गोवा के लोगों के बीच पर्रि‍कर कितने लोकप्रिय थे, इस बात का अंदाजा उनकी अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है। लोग नम आंखों से अपने सीएम की अंतिम यात्रा में शामि‍ल हुए। भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने भी उनके पार्थि‍व देह के अंतिम दर्शन किए और पुष्‍पांजलि अर्प‍ित की। गोवा बीजेपी के दूसरे नेताओं ने भी अपनी श्रद्धांज‍ल‍ि दी।

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मालूम हो कि 13 दिसंबर, 1955 को गोवा के मापुसा में जन्मे पर्रिकर की शिक्षा लोयोला स्कूल, मडगांव में हुई और उसके बाद उन्‍होंने 1978 में स्नातक की उपाधि, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्‍बई से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में प्राप्‍त की। राजनीति में आने से पहले पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए। चार बार के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर फरवरी 2018 से ही अग्नाशय संबंधी बीमारी से पीड़ित थे।

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