परिक्षार्थियों के लिए पेरशानी
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (एसीसी) को लेकर उत्‍तर प्रदेश के कुछ जिलों में अशांति के माहोल की वजह से स्‍थगित हुई यूपीटीईटी 2019 की परीक्षा अब परिक्षार्थियों के लिए पेरशानी का सबब बन गयी है। बीते रविवार (22 दिसंबर) को परीक्षा नहीं होने के चलते एक ओर जहां तैयारी पूरी करने के बाद परीक्षा की प्रतीक्षा कर रहे 16 लाख से ज्‍यादा परीक्षार्थी टीईटी की नई डेट के लिए इंतजार में तनाव झेल रहें हैं।

वहीं दूसरी ओर परीक्षा विभाग के अधिकारी जल्‍द से जल्‍द परीक्षा कराने की बात कह रहें हैं, हालांकि अधिकारी अभी यह भी बताने में असमर्थता जता रहें हैं, तैयारी के बाद भी परीक्षा के इंतजार में तनाव झेल रहे परीक्षार्थियों को टीईटी में बैठने का मौका अगले साल जनवरी मिलेगा या फिर परीक्षा फरवरी में होगी। परीक्षा स्‍थागित होने की सूचना के साथ ही अब तक अधिकारियों का यहीं कहना है कि माहौल ठीक होते ही नई डेट की घोषणा कर दी जाएगी, लेकिन इसके इंतजार में परीक्षार्थी टकटकी लगाएं बैठे हैं।

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16 लाख से ज्‍यादा परीक्षा‍र्थियों से जुड़े इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भले ही मीडियाकर्मियों से अधिकारी कुछ भी खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि तय समय से परीक्षा स्‍थगित होने के चलते कई व्‍यवहारिक दिक्‍कतें भी आ रहीं हैं। उनको दूर करते हुए अधिकारी नई तारीख पर परीक्षा कराने का काम शुरू कर चुके हैं।

वहीं यूपी बोर्ड परीक्षाओं की तारीख नजदीक आती देख भी यूपीटीईटी जल्‍द से जल्‍द कराने की अधिकारी कोशिश में हैं। ताकि दोनों परीक्षाओं में परीक्षार्थियों की बड़ी संख्‍या को देखते हुए परीक्षा केंद्रों को लेकर समस्‍याएं न उत्‍पन्‍न हो।

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साथ ही परीक्षा के आयोजन के लिए केंद्र व्यवस्थापक से लेकर अन्य अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारियों की तैनाती की तैयारी भी लगभग पूरी की जा चुकी है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रश्‍नपत्र और ओएमआर शीट भी पहुंचाए जा चुके हैं। डीआइओएस आरके तिवारी के अनुसार प्रदेश के हालात सामान्य होते ही परीक्षा की नई तारीख की घोषणा भी कर दी जाएगी। परीक्षा नियामक प्रधिकारी द्वारा जनवरी 2020 में परीक्षा के आयोजन की तैयारी चल रही है।

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बता दें कि परीक्षा स्थगित होने से सबसे ज्यादा नुकसान 16 लाख से अधिक उम्मीदवारों को हुआ है, जो शिक्षक बनने का सपना संजोए पिछले कई महीने से परीक्षा की तैयारी में रात-दिन जुटे थे, लेकिन एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन व हिंसा के कारण यूपी के दर्जनों जिलों में इंटरनेट बंद किए जाने के चलते बड़ी संख्‍या में अभ्यार्थी बीते शुक्रवार तक अपना एडमिट कार्ड भी डाउनलोड नहीं कर पाए थे। जिसके बाद शुक्रवार को अपर मुख्‍य सचिव राजस्व एवं बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार की ओर से कहते परीक्षा को स्‍थागित कर दिया गया कि जल्‍द ही इसकी नई डेट की घोषणा की जाएगी, लेकिन बुधवार तक ऐसा नहीं हो सका था।

सोशल मीडिया की फर्जी सूचनाओं ने भी परीक्षार्थियों को किया हलकान

इस बीच कई बार सोशल मीडिया पर असमाजिक तत्‍वों द्वारा परीक्षा की फर्जी डेट व अधिकारियों के जाली आदेश जारी कर भी पहले से ही तनाव में चल रहे परीक्षार्थियों को भ्रम में डाला जा चुका है। इन सब हालात के बीच परीक्षार्थी अधिकारियों से विशेषकर बस एक ही उम्‍मीद लगाएं बैठे हैं कि परीक्षा चाहे जब भी हो, लेकिन उसकी डेट जल्‍द से जल्‍द जारी कर दी जाए, जिससे कि भविष्‍य बनाने वाली इस परीक्षा के लिए वह पहले से ही मानसिक रुप से तैयार रहें और भ्रम की स्थिति भी पैदा होने वाली स्थिति से उन्‍हें निजात मिल जाए।

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पात्रता परीक्षा 22 दिसंबर को पहली पाली में सुबह दस से अपरान्‍ह साढ़े 12 बजे तक प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से पांच) और दोपहर 2.30 से शाम पांच बजे तक दूसरी पाली में उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा छह से आठ) के लिए परीक्षा होनी थी।

प्राथमिक स्तर के लिए 10, 83,016 और उच्च प्राथमिक स्तर के लिए 5,73,322 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इस प्रकार कुल 16,56,338 अभ्यर्थियों ने यूपी टीईटी 2019 के लिए आवेदन किया है।