आरयू वेब टीम।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी चाहते है कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ हो। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आज राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने यह इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक पार्टियों से इस बारे में विचार-विमर्श करने के बाद इसको आगे बढ़ाएंगे। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने नोटबंदी का समर्थन भी किया।
उन्होंने कहा कि देश की ताकत इसकी बहुलतावाद और विविधता में निहित है और भारत में पारंपरिक रुप से तर्को पर आधारित भारतीयता का जोर रहा है, न कि असहिष्णु भारतीयता का। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में सदियों से विविध विचार, दर्शन एक दूसरे के साथ शांतिपूर्ण ढंग से प्रतिस्पर्धा करते रहे हैं’। लोकतंत्र के विकास के लिए बुद्धिमतापूर्ण और विवेक सम्मत मन की जरुरत है।
नोटबंदी पर बोले कि, ‘कालेधन को रोकने और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए नोटबंदी की पहल से आर्थिक गतिविधियों में अस्थायी गिरावट आ सकती है, पर अधिक से अधिक बेनगदी लेनदेन होने से अर्थव्यवस्था की पारदर्शिता बेहतर होगी।’
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आए राष्ट्रपति के इस बयान से नोटबंदी से बुरी तरह से घिर चुकी भाजपा को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।