दर्दनाक: पत्‍नी की जुदाई में युवक ने रेल ट्रैक पर सर रखकर दी जान, तीसरे व अंतिम बेटे की असमय मौत से बूढ़े मां-बाप पर टूटा गमों का पहाड़

पत्‍नी की जुदाई
प्रतीकात्‍मक फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में शनिवार को दिल दहलाने वाली एक घटना हुई। पत्‍नी के छोड़कर जाने के बाद परेशान चल रहे युवक ने रेलवे ट्रैक पर सर रखकर जान दे दी। घटना की जानकारी लगते ही परिजनों में कोहराम मच गया।

घटना का एक बेहद दुखद पहलू यह भी है कि आज अपने एक बेटे को गंवाने से पहले उसके दो बड़े भाईयों को बूढ़े मां-बाप हादसे में खो चुके थे। बदलू अपने मां-बाप का आखिरी सहारा था, लेकिन उसने मात्र 25 साल की उम्र में ही हालात से हार मानते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया। बदलू मजदूरी कर अपने माता-पिता के घर खर्च में हाथ बंटाता था।

अपने अंतिम बेटे को खोने वाले दुखियारे मां-बाप का हाल आज जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो उठी। वहीं सूचना पाकर मौके पर पहुंची मोहनलालगंज पुलिस ने शव को कब्‍जे में लेते पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजने के सा‍थ ही अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

इंस्‍पेक्‍टर मोहनलालगंज के अनुसार गोपाल खेड़ा निवासी मिठाईलाल के बेटे बदलू पासी की पत्‍नी दो साल पहले उसे छोड़कर चली गयी थी। जिसके बाद से वह काफी परेशान रहता था। इसी परेशानी में आज सुबह उसने अपनी जान दे दी।

वहीं इस मामले की जांच कर रहे एसआइ कप्‍तान सिंह ने बताया कि बदलू की करीब तीन साल पहले शादी हुई थी। विवाह के लगभग एक वर्ष बाद किसी बात से नाराज होकर पत्‍नी उसे छोड़ अपने मायके चली गयी थी। बात नहीं बनने पर दो महीना पहले दोनों का तलाक भी हो गया था। इसके बाद से बदलू की मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं रहती थी।

आज तड़के वह बिना परिजनों को सूचना दिए घर से निकला था। काफी देर बाद ग्रामीणों ने गोपालखेड़ा से कुछ ही दूरी पर रेल ट्रैक पर उसकी लाश देख मां-बाप को सूचना दी तो घर में रोना-पीटना मच गया।

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घटना के विवेचक के अनुसार मिठाईलाल के तीन बेटों में बदलू सबसे छोटा था। करीब चार साल पहले बदलू के बड़े बजरंगी की भी गांव के बाहर ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गयी थी, जबकि सबसे बड़े बेटे राम प्रसाद की उससे पहले एक सड़क हादसे में जान गयी थी।

काश जाने वाली पत्‍नी की जगह साथ रह रहे मां-बाप के बारे में सोच पाता बदलू

एक-एक कर अपने तीनों बेटे को खोने के बाद बेसुध हो चुके वृद्ध मिठाईलाल व उनकी पत्‍नी को आज हर कोई संभालने में लगा था। दो बेटों को खोने के बाद कुछ साल पहले ही मां-बाप अपने सबसे छोटे बेटे की शादी धूमधाम से की थी, उन्‍हें लगा था बदलू बुढ़ापे में उनका सहारा बनेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

घटना से गमगीन गांववालों का कहना था कि बदलू की कोई ज्‍यादा उम्र नहीं थी, अगर पत्‍नी की जुदाई की जगह उसने मां-बाप के हालात पर गौर कर लिया होता तो शायद वह उनको इस अवस्‍था में कम से कम इस तरह छोड़कर नहीं जाता।

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