आरयू वेब टीम। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या का बुधवार को दिल्ली पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा कर दिया है। रोहित की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसकी ही पत्नी अपूर्वा तिवारी ने घर में गला दबाकर की थी। पुलिस का दावा है कि अपूर्वा ने इस सनसनीखेज हत्या जैसी घटना को अकेले ही अंजाम दिया था। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस खुलासे के साथ तीन दिनों की पूछताछ के बाद अपूर्वा को गिरफ्तार कर लिया है।
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क्राइम ब्रांच ने आज मीडिया को बताया कि अपूर्वा रोहित द्वारा अपनी भाभी के साथ शराब पीने से नाराज थी, और इसी बात को लेकर हत्या से पहले दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ था। कद-काठी से मजबूत रोहित की हत्या अकेले अपूर्वा द्वारा करने पर क्राइम ब्रांच का तर्क है कि रोहित की जब हत्या की गयी तो वो शराब के नशे में थे और अपूर्वा से अपनी जान नहीं बचा सके।
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बताते चलें कि अपूर्वा सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं, इसी वजह से वो लंबी पूछताछ के बाद ही पुलिस के सामने हत्या का राज खोल सकी। सूत्र बतातें हैं कि तीन दिनों की पूछताछ के दौरान अपूर्वा ने कई बार ऐसे भी संकेत दिए कि जैसे उसने अपनी जान बचाने के लिए रोहित की हत्या की थी, उसके ऐसा साबित करने पर ये बात कोर्ट में उसके फेवर में जाती और उसे सजा में काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद बढ़ जाती।
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वहीं इस खुलासे से पहले रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा तिवारी ने बयान देते हुए कहा था कि रोहित पहली बार अपूर्वा से 2017 में लखनऊ में मिले थे। मेट्रोमोनियल साइट के जरिये इनका परिचय हुआ था। अपूर्वा मेरे करीबी रिश्तेदार की पत्नी पर रोहित से अवैध रिश्ते होने का शक करती थी, जो गलत था। रोहित से शादी करने के बाद से ही अपूर्वा को रिश्तेदार व उनकी पत्नी से परेशानी थी। कई बार बातें हुई कि आपसी सहमति से अपूर्वा और रोहित का तलाक हो जाए। यह तय हुआ था कि जून में सहमति से तलाक लेकर दोनों अलग हो जाएंगे।
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वहीं खुलासा कर भले ही दिल्ली क्राइम ब्रांच अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आयी है। कहा जा रहा कि रोहित को जिस दिन मृत अवस्था में मैक्स अस्पताल पहुंचाया गया था, उसी दिन डॉक्टरों ने शव की स्थिति को देखते हुए हत्या की आंशका जता दी थी।
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परिजनों द्वारा रोहित की मौत को स्वाभाविक बताना भी आम लोगों के गले नहीं उतर रहा था, लेकिन पुलिस इसे लगभग स्वाभाविक मौत मानकर ही खामोश रही। शुरूआत में रोहित के घर से पुलिस व एफएसएल की टीम द्वारा साक्ष्य भी इकट्ठे नहीं किए गए थे, समझा जा रहा है कि पर्याप्त समय मिलने की वजह से हत्यारे को काफी हद तक सबूत मिटाने का पूरा समय मिल गया।