आरयू ब्यूरो,लखनऊ। पेट्रोल, डीजल के मूल्यों में हो रही बढ़ोत्तरी पर राष्ट्रीय लोकदल ने सरकार से पूछा है कि आखिर ये सिलसिला कब तक जारी रहेगा। क्योंकि पेट्रोल की मूल्यवृद्धि का सीधा प्रभाव उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ता है और डीजल से रोजमर्रा की जरूरत से सम्बन्धित वस्तुओं की मंहगाई सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रही है, जिसका प्रभाव हर उपभोक्ता की जेब पर अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है।
रालोद के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद से अब तक प्रत्येक उपभोक्ता परिवार पर लगभग पांच हजार रुपये प्रति माह का बोझ बढ़ गया है। यही कारण है कि उपभोक्ता कराह रहा है। साथ ही आगे कहा कि त्रिवेदी ने कहा कि इसी क्रम में आज रात से नेशनल हाईवे पर लगने वाला टोल टैक्स भी बढ़ा दिया गया है, जिसका भी प्रभाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगा और निम्न तथा मध्यम वर्ग को अपने परिवार का पालन पोषण करने में भयावह स्थितियों का सामना करना पड़ेगा।
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सुरेन्द्र नाथ ने आगे कहा कि यदि यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश में चारों ओर से “दाम बांधो काम दो ” की तर्ज पर धरना प्रदर्शन होने लगेंगे क्योंकि अभी बेरोजगारी भी चरम पर है। राष्ट्रीय लोकदल की ओर से त्रिवेदी ने केंद्र और प्रदेश सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता कई वर्षों से कराह रही है अतः यदि उसके जख्मों पर मरहम लगाने में सरकारें असमर्थ हैं तो अन्य कोई नए जख्मरूपी तोहफा देने का कार्यक्रम न बनायें।