आरयू वेब टीम। पंजाब विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष बीर दविंदर सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि सिंह (73) ने चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में अंतिम सांस ली। उनके करीबियों ने बताया कि वह कैंसर से पीड़ित थे और पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था।
वहीं निधन की खबर से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री भगवंत मान, पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा और पंजाब कांग्रेस के प्रधान राजा वड़िंग ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। भगवंत मान ने शोक संदेश में कहा कि पंजाब एक बुद्धिमान व्यक्तित्व से वंचित हो गया है। बीर दविंदर सिंह ने विभिन्न पदों पर रहते हुए पंजाब के विकास में बहुमूल्य योगदान दिया, जिसे सदैव याद रखा जाएगा। उनके निधन से राज्य के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में एक बड़ा सूनापन पैदा हो गया है।
वहीं पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष बीर दविंदर सिंह के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। वह पंजाब के बारे में अपनी जानकारी, विनम्रता और निस्वार्थ सेवा के लिए जाने जाते थे। मैं उनके परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। वाहे गुरु उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।’’
यह भी पढ़ें- यूपी के पूर्व मुख्य सचिव अखंड प्रताप सिंह का निधन
दविंदर सिंह के राजनीतिक सफर की बात करें तो पहली बार 1980 में सरहिंद से कांग्रेस के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे। वह वर्ष 2002 में खरड़ से विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने अमरिंदर सिंह नीत पंजाब सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2003 से 2004 तक राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष के तौर पर कार्य किया। इसके बाद सिंह को वर्ष 2016 में कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया और वर्ष 2019 में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) का दामन थाम लिया था।