आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। दो दिन पहले चिनहट में पड़ी भीषण डकैती और शनिवार को दिनदहाड़े नाका इलाके में व्यापारी की पत्नी की निर्मम हत्या के बाद एक बार फिर बदमाशों ने राजधानी पुलिस की हनक सामने ला दी। महिला की हत्या के कुछ घंटों बाद ही डकैतों ने बीती रात काकोरी इलाके के दो गांवों पर धावा बोलकर जमकर तांडव मचाया। करीब दर्जनभर डकैतों ने सपा के प्रधान पुत्र की गोली मारकर हत्या करने के साथ ही पांच अन्य लोगों को गोली मारकर घायल कर दिया। वहीं डकैतों की पिटाई के चलते भी कई लोग घायल हैं।
घंटों चली लूटपाट और गोलीबारी में बदमाश बनिया खेड़ा और कटौली गांव में घूम-घूमकर लोगों और उनके घरों को निशाना बनाते रहे, लेकिन पुलिस मौके पर पहुंचने के बाद उनको छू तक नहीं सकी। घटना से लोगों में दहशत और पुलिस की कार्यप्रणाली के प्रति जबरदस्त रोष है।
गोली से घायल ग्रामीणों का ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है। वहीं पिटाई व गोली के छर्रें लगने से घायल गांववालों ने पास के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराया। अनुमान लगाया जा रहा है कि डकैतों ने करीब 20 से 25 लाख रुपए का डाका डाला है।
बताया जा रहा है कि बीती रात करीब डेढ़ बजे असलहे और अन्य हथियारों से लैस दर्जन भर डकैतों ने बनिया खेड़ा गांव में पूर्व प्रधान इन्द्रपाल यादव समेत दो अन्य घरों पर धावा बोल दिया। विरोध करने पर घर में लोगों की बर्बरतापूर्वक पिटाई करने के साथ ही बुजुर्ग रधुनाथ, अंकित यादव(21), लल्ला(22) को गोली मार दी। गोलियों के चलने की आवाज सुनकर दहशत में आएं ग्रामीणों ने घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को दी।
सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंचती इससे पहले ही लाखों रुपए नकद, गहने व अन्य कीमती सामान लूटकर डकैत करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित कटौली गांव पहुंच गए। गोलियों की आवाज और चीख-पुकार सुनकर कटौली के ग्राम प्रधान व इलाके वरिष्ठ सपा नेता हरिशंकर यादव का बेटा अभिषेक यादव (20) घर के बाहर निकला, इसी बीच वहां पहुंचें डकैतों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
कटौली में दो घरों में लूटपाट करने के दौरान भी डकैतों ने किसी पर रहम नहीं दिखाया। अभिषेक की हत्या करने के साथ ही डकैतों ने यहां राम शंकर यादव को जहां गोली मारकर घायल कर दिया। वहीं महिलाओं समेत कई अन्य लोगों पर रॉड, डंडे व बंदूक के कुंदे से वारकर घायल कर दिया।
दूसरी ओर बनिया खेड़ा में डकैती की जानकारी लगने पर एसएसपी दीपक कुमार, एएसपीआरए डॉ. सतीश कुमार अपनी टीम के साथ पहुंचे थे, तभी गोलियों की आवाज कटौली गांव से आने के चलते पुलिस अधिकारियों की टीम वहां पहुंची। हालांकि पुलिस घेराबंदी कर डकैतों को पकड़ने में नाकाम रही।
इतनी बड़ी घटना की जानकारी लगने पर बाद में एडीजी जोन लखनऊ व आईजी रेंज ने भी घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ ही पीडि़तों से बातचीत कर मातहतों को जल्द से जल्द घटना का खुलासा करने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर एसएसपी ने थानाध्यक्ष काकोरी यशकांत सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
जगह-जगह खून और खोखे बयान कर रहे थे दहशत की दास्तान
जांच करने पहुंची पुलिस को बनिया खेड़ा और कटौली गांव में जगह-जगह कारतूस के खोखे पड़े मिले हैं। इसके साथ ही रास्ते और गांववालों के घरों में घायलों का खून जमीन पर पड़ा था। डकैतों की दहशत ग्रामीणों की चेहरे पर साफ दिख रही थी। घायलों की चीख-पुकार और अभिषेक के परिजनों में रोना-पीटना मचा था तो वहीं गांववालों के कमरों से लेकर घर के बाहर तक बिखरे पड़े गृहस्थी के सामान भी डकैतों के हौसलों और पुलिस के दावों की कहानी बयान कर रहे थे।
बस घोड़े से नहीं आए थे डकैत
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि बदमाशों में पुलिस का जरा भी खौफ नहीं रह गया है। यहीं वजह है कि एसएसपी दीपक कुमार खुद अपनी टीम के साथ बनिया खेड़ा में मौजूद थे और डकैत दूसरे गांव कटौली में बेरहमी से वारदात को अंजाम देते रहें। गांव वालों का यह भी कहना था कि पहली बार लगा कि हम सूबे की राजधानी में नहीं बल्कि चंबल के भीहड़ में रह रहें हैं। डकैतों के घोड़ें से नहीं आने की बात हटा दी जाए तो डकैती भी कुछ उसी अंदाज में पड़ी।
पुलिस ने घटना को चैलेंज के रूप में लिया है। इससे मिलती-जुलती घटना चिनहट के अलावा बाराबंकी में भी हो चुकी है। सभी घटनाओं के तारों को जोड़कर डकैतों तक पहुंचने के लिए पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीमें लगायी गयी है। इसके अलावा इस संबंध में आज एडीजी जोन ने राजधानी समेत अन्य जिलों के पुलिस अधिकारियों की बैठक भी बुलाई है। जय नारायन सिंह, आईजी रेंज लखनऊ