जम्मू-कश्‍मीर: महबूबा मुफ्ती ने सरकार बनाने का किया दावा, राज्यपाल ने भंग की विधानसभा

आरयू वेब टीम। 

जम्‍मू-कश्मीर में बुधवार को दिनभर चली राजनीतिक गहमा-गहमी व रात में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किये जाने के कुछ ही देर बाद, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्‍मीर विधानसभा भंग कर दिया है।

बता दें कि पीडीपी ने सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा था। उन्होंने पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुल मिलाकर 56 विधायकों के साथ यह दावा किया। अपने पत्र में महबूबा ने लिखा था कि, ‘जैसा कि आपको ज्ञात है कि पीडीपी 29 विधायकों के साथ राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। मीडिया के माध्यम से आपको जानकारी मिली होगी कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस भी सरकार बनाने के लिए हमें समर्थन देंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15 व कांग्रेस के 12 और हमारे विधायकों को मिलाकर हमारे पास 56 विधायकों की कुल संख्या है।‘

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पीडीपी ने अपना लेटर फैक्स के जरिए राज्यपाल कार्यालय भेजा था। हालांकि पार्टी अध्‍यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर जानकारी भी दी कि यह फैक्स राज्यपाल कार्यालय की तरफ से रिसीव नहीं किया गया है और न ही राज्यपाल फोन उठा रहे हैं।

वहीं, कुछ देर बाद पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भाजपा के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। अब राज्यपाल के इस कदम से सभी दलों की सरकार बनाने की कोशिश पर पानी फिर गया है। इसके साथ ही जम्‍मू-कश्‍मीर की राजनीत में बड़ा उलटफेर होने की संभावना तेज हो गयी है। बताते चलें कि राज्य में विधानसभा निलंबित चल रही है और 19 जून से यहां राज्यपाल शासन लगा हुआ है।

जानें क्‍या है समीकरण

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी के 28 विधायक, एनसी के 15 और कांग्रेस के 12 विधायक हैं। साथ ही बीजेपी के 25 विधायक हैं। परंपरागत रूप से परस्पर विरोधी पीडीपी और एनसी का साथ आना राज्य में राजनीति को नया आकार दे सकता है। एनसी ने 2014 में विधानसभा चुनावों के बाद पीडीपी को समर्थन देने की बात कही थी, लेकिन पीडीपी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा कर भाजपा से गठजोड़ कर लिया था।

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माना जाता है कि 19 जून को सरकार गिरने के बाद पीपल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने बीजेपी और नाराज पीडीपी विधायकों के साथ मिलकर गठजोड़ बनाने की कोशिश की थी। पीपल्स कांफ्रेंस के यहां दो विधायक है।