आरयू ब्यूरो, लखनऊ। तीन कृषि कानूनों को लेकर लम्बे समय से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब यूपी का भी रूख कर लिया है। इसी क्रम में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत किसान आंदोलन को धार देने के लिए लगातार दौरे कर रहे हैं। शुक्रवार को एक बार फिर राकेश टिकैत लखनऊ पहुंचे, जहां उन्होंने शीरोज हैंगआउट कैफे के बाहर संयुक्त छात्रसभा के छात्रों से मुलाकात की।
इस दौरान हाथ में बाबा साहब की फोटो लेकर छात्रों को संबोधित करते हुए टिकैत ने सरकार पर जमकर हमला बोला। साथ ही योगी सरकार पर यूपी में हुई धान-गेहूं की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फसलों की खरीद नहीं हुई है और जो हुई भी है उसमें यह बहुत बड़ा घोटाला हुआ है।
टिकैत मे कहा कि उत्तर प्रदेश में एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) पर अनाज खरीदारी नहीं की गई है। इतना ही नहीं यूपी में 12000 रुपए का गन्ने का भुगतान चीनी मिलों ने नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हम किसानों को मुद्दे उठाते रहेंगे। अपने एक हाथ में डॉ. भीमराव आंबेडकर की फोटो लिए राकेश टिकैत ने कहा कि हम संवैधानिक मूल्यों की लड़ाई लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे।
राकेश टिकैत से मुलाकात के बाद संयुक्त छात्रसभा के छात्रों ने अपनी समस्याएं गिनाते हुए राकेश टिकैत को एक ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान छात्र नेताओं ने कहा कि पिछले आठ महीने से किसान हमारे लिए सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं। वो अपने लिए नहीं देश के लिए दिन रात की परवाह किए बगैर लड़ाई लड़ रहे हैं। अब हम उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसान लखनऊ को घेरेंगे तो हम उनके साथ खड़े हैं। दिल्ली में भी किसानों को समर्थन दिया था। अब यूपी में भी देंगे। उन्होंने कहा कि जो भी दल किसानों की मुखालफत कर रहे हैं, उनको देश का युवा और किसान सबक सिखाएगा।
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आज की तारीख में किसानों के सामने महंगाई के रूप में एक सबसे बड़ी समस्या है। एमएसपी पर सरकार के दावों की पोल खुल चुकी है। ऐसे में देश की रीढ़ माने जाने वाले किसानों के हौसले अब टूटने लगे हैं। डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं। कीटनाशकों और बीजों के दामों में दिन दूना-रात चौगुना वृद्धि हो रही है। इन सब वजहों से किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं। अब यह नहीं होने दिया जाएगा।
मालूम हो कि पहले लखनऊ के शीरोज कैफे में राकेश टिकैत संयुक्त छात्रसभा के छात्रों से मिलने वाले थे, लेकिन उनके पहुंचने से पहले करीब 4.30 बजे ही पुलिस ने वहां लोगों का आना-जाना बंद कर दिया, जिसके बाद करीब 5.30 बजे राकेश टिकैत शीरोज हैंगआउट कैफे के बाहर पहुंचे और छात्रों ने उनका स्वागत किया।