आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एक ओर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है, वहीं दूसरी ओर इसको लेकर शनिवार को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भाजपा के साथ ही योगी व मोदी सरकार को भी निशाने पर लिया है।
अखिलेश यादव ने शनिवार को अपने एक बयान में मीडिया से कहा कि यूपी में कानून का राज अब कहने भर को रह गया है, लोग डरे हुए हैं। अयोध्या में जो हालात बन रहे हैं उससे प्रदेश भर में दहशत है। लोग तमाम आशंकाओं से ग्रस्त हैं और अफवाहें तेजी से फैल रही हैं।
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सपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि जनता की परेशानी यह है कि अयोध्या में जिन तत्वों का जमावड़ा हो रहा है उनको केंद्र और यूपी में सरकार चलाने वाली भाजपा से प्रोत्साहन मिल रहा है। भाजपा अपनी विफलता छुपाने के लिए भी अयोध्या का मुद्दा उठाने से बाज नहीं आ रही है।
सपा अध्यक्ष ने बीजेपी पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि सच तो यह है कि भाजपा को संविधान और सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा ही नहीं है। अयोध्या में जान-माल की भारी क्षति होने का अंदेशा है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रति अवमानना प्रदर्शित की जा रही है। अयोध्या में बाहर से भारी संख्या में लोग बुलाए गए हैं। भाजपा-शिवसेना नेता उत्तेजक भाषण एवं बयान दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसी अनहोनी को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट को खुद मामले का संज्ञान लेना चाहिए। साथ ही शांति-व्यवस्था बनाए रखने के काम में सेना का भी सहयोग लिया जाना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने हमला जारी रखते हुए कहा कि भाजपा सरकारें विकास के कामों में रूचि नहीं लेती हैं। वे समाज में नफरत फैलाने और उसको बांटने के काम में ज्यादा सक्रिय हैं। भाजपा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कानून-व्यवस्था बिगाड़ना व सामाजिक सद्भाव को तोड़ना। समाज और राज्य की जनता के लिए भाजपा की नीतियां खतरनाक हैं। भाजपा की राज्य सरकार ने 20 महीनें में ही इतना डरा दिया है कि लोग अवसाद में हैं। जनता को भरोसा नहीं कि भाजपा के लोग कब क्या कर बैठेंगे?
आज अयोध्या की स्थिति गंभीर है। स्थानीय निवासी आतंकित और आक्रोशित हैं, उन्हें अपने घरों में कैद कर दिया गया है। बाहरी लोगों के बढ़ते हूजूम के कारण हर तरफ उत्तेजना और संशय का वातावरण है। भाजपा का इतिहास पहले भी वहां धोखे का रहा है, इसलिए प्रबुद्ध समाज और शासन के शीर्ष अधिकारियों को सतर्क और सजग रहकर हस्तक्षेप करना चाहिए।