RLD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ा जयंत का साथ, पार्टी से इस्तीफा देकर बोले, देश के लोकतांत्रिक ढांचे को समाप्त होते नहीं देख सकता

शाहिद सिद्दीकी

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया। शाहिद सिद्दीकी ने सोमवार को ये कहते हुए अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की कि संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा खतरे में है तथा इसपर चुप रहना एक पाप है।

शाहिद सिद्दीकी ने सोमवार को अपने इस्तीफे का ऐलान सोशल मीड‍िया मंच एक्‍स पर कहा, ”मैंने अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को भेज दिया है। मैं ख़ामोशी से देश के लोकतांत्रिक ढांचे को समाप्त होते नहीं देख सकता। मैं जयंत सिंह जी और आरएलडी मैं अपने साथियों का आभारी हूं।”

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रालोद नेता ने कहा, “मैंने रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद और उसकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। मैं जयंत जी का आभारी हूं, पर भारी मन से आरएलडी से दूरी बनाने के लिए मजबूर हूं। भारत की एकता, अखंडता, विकास और भाईचारा सर्वप्रिय है। इसे बचाना हर नागरिक की ज‍िम्मेवारी और धर्म है।” सिद्दीकी ने कहा कि आज जब भारत के संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा खतरे मैं है,मैं खामोशी से देश के लोकतांत्रिक ढांचे को समाप्त होते नहीं देख सकता। खामोश रहना पाप है।

भाजपा नेताओं से अपील, अटल जी के रास्ते पर चलें

साथ ही कहा कि मैं तो भाजपा के नेताओं से अपील करता हूं, वो अटल जी के रास्ते पर चलें और राजधर्म निभाने का काम करें। जिस तरह मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी हो रही है। 15-15 साल पुराने मामले में छापे मारे जा रहे हैं। चुनाव के समय यह करना राजधर्म नहीं है। सारी पार्टियों के लोगों से अपील है देश के हित एकसाथ खड़े हों। पूरी दुनिया में हमारी पहचान लोकतंत्र के कारण है।”

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