आरयू ब्यूरो, लखनऊ। किसानों के गन्ना मूल्य में प्रति कुंतल 20 रुपए की बढ़ोतरी के बाद योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गयी है। राष्ट्रीय लोकदल ने गन्ना मूल्य बढ़ोतरी को किसानों के लिए ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ समान बताते हुए सरकार पर सवाल उठाएं हैं। शुक्रवार को रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा है कि एक कुंतल गन्ने के दाम में मात्र 20 रुपये मूल्य बढ़ाना किसानों को लॉलीपॉप थमाने जैसा है, गन्ने के रेट में कम से कम सौ रुपये की बढ़ोतरी होनी चाहिए थी।
डीजल, कीटनाशक, उर्वरक व कृषि यंत्रों के दाम आसमान छू रहें
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने तर्क देते हुए कहा कि डीजल, कीटनाशक, उर्वरक तथा कृषि यंत्रों के दाम आसमान छू रहें, लेकिन किसानों को राहत नहीं दी जा रही है। पूर्वांचल में चीनी मिले बंद पड़ी है। सरकार की उदासीनता व किसान विरोधी नीतियों की वजह से पूर्वांचल के किसानों का गन्ने से मोहभंग होता जा रहा। भाजपा सरकार की कथनी और करनी में फर्क है वह किसानों की आमदनी बढ़ाने की जगह घटा रही है।
14 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान करना अनिवार्य…
योगी सरकार पर हमला जारी रखते हुए रामाशीष राय ने कहा कि भाजपा सरकार गन्ना किसानों को न तो लाभकारी मूल्य दिला पाई और न ही बकाया मूल्य का भुगतान कराया। कानूनी प्रावधान व न्यायालय के आदेश के अनुसार किसान को 14 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान करना अनिवार्य है अन्यथा किसान को बकाया राशि पर 15 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा, लेकिन इस पर आज तक अमल नहीं हुआ है और बेबस किसान यह सब सहन करने को मजबूर है।
उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बन चुकी भाजपा सरकार
रालोद नेता ने आज यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बन चुकी है। देश के बेहतर भविष्य व विकास के लिए देश की रीढ़ किसान का मजबूत और आत्मनिर्भर होना बेहद जरूरी है।
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बीजेपी सरकार ने की यूरिया की 50 से 40 किलो की बोरी
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को यूरिया खाद भी और अधिक महंगी पड़ने लगी है, क्योंकि भाजपा सरकार लगातार उसके वजन में कटौती कर रही। 50 किलो की बोरी को पहले 45 किलो कर दिया फिर उसके बाद अब 40 किलो कर दिया, लेकिन यूरिया के दाम लगातार बढ़ते रहे और कालाबाजारी होने पर किसान को यूरिया बिचौलियों से ऊ़चे दामों में खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा, जिससे किसान पर दोहरी मार पड़ रही। उन्होंने कहा कि आखिर कब भाजपा सरकार किसानों की सुध लेगी। क्या भाजपा की इन्हीं नीतियों से किसान की आय दुगुनी होगी?