कांग्रेस का हमला, ट्रीटमेंट-टीकाकरण बढ़ाने के बजाए मौतों का आंकड़ा व श्मशान में जलती चिताओं को टीन शेड से छिपाने का कार्य कर रही योगी सरकार

उमा शंकर पाण्डेय
डॉ. उमाशंकर पाण्डेय। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी में कोरोना प्रकोप के बीच खराब स्‍वास्‍थ्‍य-व्‍यवस्‍था को लेकर शुक्रवार को एक बार फिर कांग्रेस ने योगी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के प्रवक्‍ता डॉ. उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि एक साल से कोरोना प्रदेश व देश के लिए भय का कारण बना हुआ है। समय-समय पर चिकित्सकों द्वारा एडवाइजरी भी जारी होती रही, जिसमें द्वितीय लहर के आने की आशंका और उसकी भयावहता का जिक्र भी था। इसके बावजूद योगी सरकार ने इससे निपटने के लिए कोई व्यवस्था करने के बजाय चुनाव प्रचार में व्यस्त रही।

साथ ही कांग्रेस प्रवक्‍ता ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना के मामले में राजधानी लखनऊ की स्थिति सबसे भयानक है, जहां रोज पांच हजार से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं। जबकि योगी सरकार टेस्टिंग, कान्टैक्ट ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण बढ़ाने के बजाए मौतों का आंकड़ा और श्मशान में जलती चिताओं को टीन शेड से छिपाने का कार्य कर रही है। इतना ही नहीं मीडिया रिपोर्ट में जल रही चिताओं की संख्या और सरकारी आंकड़ों में कोविड से मरने वालों की संख्या में जमीन-आसमान का फर्क है। मौत के मातमी माहौल में सरकार उत्सव मनाने से भी बाज नहीं आई।

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वहीं हमला जारी रखते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना से पीड़ित रोगियों की जान बचाने के लिए आवश्यक एवं प्रभावकारी साबित हो रही आक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं आईवरमेक्टिन दवा की व्यापक कमी तथा सरकारी तंत्र के आपदा में अवसर तलाशने की सोच के बीच कालाबाजारी और भ्रष्टाचार ने इन दवाओं को आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया, जिससे मौतों की संख्या बेतहाशा बढ़ी। सीएचसी एवं जिला अस्पतालों के साथ प्राइवेट चिकित्सालयों तक उपरोक्त जीवनदायिनी आक्सीजन एवं दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, जिससे ब्लाक एवं जनपद स्तर पर ही ज्यादातर मरीजों का इलाज संभव हो सके।

इसके अलावा भाजपा सरकार पर हमला जारी रखते हुए कांग्रेस प्रवक्‍ता ने कहा कि अहंकार की शिकार सरकार की  संवेदनहीन मानसिकता ने प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी के कठिन दौर में पहुंचा दिया है। विधायक, मंत्री से लेकर आइएएस, पार्षद, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, चिकित्सक, पत्रकार, साहित्यकार समेत बड़ी तादाद में आम जनता को कोरोना ने लील लिया। इसके बावजूद भी सरकार ने युद्ध स्तर पर बचाव और इलाज की व्यवस्था के प्रति उदासीन बनी रही।

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