सोमनाथ मंदिर को सौगत देकर बोले PM मोदी, तोड़ने व आतंकित कर साम्राज्‍य खड़ा करने वाली ताकत मानवता को दबाकर ज्‍यादा दिनों तक नहीं रख सकती

सोमनाथ मंदिर
कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी।

आरयू वेब टीम। जो तोड़ने वाली शक्तियां हैं, जो आतंक के दम पर साम्राज्य खड़ा करने वाली सोच है, वो किसी कालखंड में कुछ समय के लिए भले हावी हो जाएं लेकिन, उसका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता, वो ज्यादा दिनों तक मानवता को दबाकर नहीं रख सकती। उक्‍त बातें शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर परिसर में पार्वती मंदिर के शिलान्यास, सोमनाथ समुद्र दर्शन तथा संग्रहालय में शिलान्यास व लोकार्पण समारोह को आनलाइन संबोधित करते हुए कही।

पीएम ने कहा कि आज मुझे समुद्र दर्शन पथ, सोमनाथ प्रदर्शन गैलरी और जीर्णोद्धार के बाद नए स्वरूप में जूना सोमनाथ मंदिर के लोकार्पण का सौभाग्य मिला है। साथ ही आज पार्वती माता मंदिर का शिलान्यास भी हुआ है।

साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सोच होनी चाहिए इतिहास से सीखकर वर्तमान को सुधारने की, एक नया भविष्य बनाने की। इसलिए, जब मैं ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ की बात करता हूं तो उसका भाव केवल भौगोलिक या वैचारिक जुड़ाव तक सीमित नहीं है। ये भविष्य के भारत के निर्माण के लिए हमें हमारे अतीत से जोड़ने का भी संकल्प है।

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इसके अलावा पश्चिम में सोमनाथ और नागेश्‍वर से लेकर पूरब में बैद्यनाथ तक, उत्तर में बाबा केदारनाथ से लेकर दक्षिण में भारत के अंतिम छोर पर विराजमान श्री रामेश्‍वर तक, ये 12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत को आपस में पिरोने का काम करते हैं। इसी तरह, हमारे चार धामों की व्यवस्था, हमारे शक्ति पीठों की संकल्पना, हमारे अलग- अलग कोनों में अलग-अलग तीर्थों की स्थापना है। हमारी आस्था की ये रूपरेखा वास्तव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना की ही अभिव्यक्ति है।

इसके अलावा मोदी सरदार पटेल व अहिलयाबाई होल्‍कर को याद करते हुए कहा कि आज मैं लौह पुरुष सरदार पटेल जी के चरणों में भी नमन करता हूं, जिन्होंने भारत के प्राचीन गौरव को पुनर्जीवित करने की इच्छाशक्ति दिखाई। सरदार साहब, सोमनाथ मंदिर को स्वतंत्र भारत की स्वतंत्र भावना से जुड़ा हुआ मानते थे। मैं, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर को भी प्रणाम करता हूं, जिन्होंने विश्‍वनाथ से लेकर सोमनाथ तक, कितने ही मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया। प्राचीनता और आधुनिकता का जो संगम उनके जीवन में था, आज देश उसे अपना आदर्श मानकर आगे बढ़ रहा।