तीन तलाक पर संसद में बोले ओवैसी, इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट, न बनाएं इसे जन्मों का बंधन

तीन तलाक

आरयू वेब टीम। लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा पर आज मोदी सरकार के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसके पक्ष में दलीलें पेश कीं, वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में तीन तलाक बिल के खिलाफ तर्क पेश किए।

ओवैसी ने लोकसभा में तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए कहा कि अगर शौहर तलाक देता है तो उसे मेहर की रकम का कई गुना बीवी को देना होता है। इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है, इसे जन्म-जन्म का मसला मत बनाइये। ये जन्म-जन्म का साथ नहीं है, बल्कि एक जन्म का कॉन्ट्रैक्ट है।

उन्‍होंने कहा कि ये सरकार उस समय कहां गई थी जब इनके एक मंत्री पर मीटू का इल्जाम लगा था। 23 लाख हिंदू महिलाएं अपने पति से अलग रह रही हैं और इनके लिए सरकार के पास कुछ नहीं है। तीन साल के लिए आप शौहर को जेल डाल देंगे तो शौहर अपनी बीवी को रहन-सहन का खर्चा कहां से देगा, बीवी के पास अपने गुजारे के लिए पैसा कहां से आएगा। तीन तलाक बिल के जरिए अगर आप शौहर को जेल भेजने के लिए तैयार हैं तो बीवी के गुजारे के खर्चे के लिए किसी तरह का कोई प्रावधान नहीं है।

यह भी पढ़ें- रविशंकर प्रसाद ने भारी हंगामे के बीच लोकसभा में पेश किया तीन तलाक बिल

आप शौहर को गिरफ्तार करेंगे तो शौहर और बीवी के बीच आगे क्या होगा। तीन साल के बाद शौहर जेल से बाहर आएगा तो क्या बीवी उसका स्वागत करेगी, इन सब बातों के लिए बिल में किसी तरह का कोई जिक्र नहीं है।असदुद्दीन ओवैसी ने ये भी कहा कि सरकार मॉब लिचिंग पर बिल लेकर नहीं आ रही है, सरकार मीटू पर कुछ नहीं कर रही हैं, लेकिन तीन तलाक बिल पर सरकार बिना तैयारी के इसे लागू करना चाहती है।

इससे पहले बिल को लेकर जानकारी देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि पिछली लोकसभा में यह बिल पास होकर राज्यसभा चला गया था, लेकिन सदन भंग होने की वजह से इसे बाकी कानूनों की तरह इसे भी दोबारा लोकसभा में लाना पड़ा है। रविशंकर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बात की। उन्होंने कहा कि यह पीड़ा की बात है कि जनवरी 2017 से तीन तलाक के 574 मामले आए, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 345 फैसले आए हैं। यह आंकड़े आज से दो-तीन दिन पहले तक के हैं।

यह भी पढ़ें- लोकसभा में पास हुआ तीन तलाक बिल, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने किया वॉकआउट