आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उन्नाव में किशोरी से बंधकर बनाकर गैंगरेप के बाद किशोरी के पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद से योगी सरकार लगातार सवालों के घेरे में घिरती जा रही है। विरोधी दलों के हमले के बीच बुधवार को राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने भी घटना के साथ ही भाजपा की प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाएं हैं।
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प्रदेश अध्यक्ष ने आज अपने एक बयान कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कहना कि किसी अपराधी को बक्शा नहीं जाएगा, ये हास्यास्पद लगता है। जबकि मुख्यमंत्री द्वारा आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर तत्काल कार्यवाही नहीं करना न सिर्फ योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली को बेनकाब करता है, बल्कि प्रदेश के मुखिया की कथनी और करनी में अंतर भी स्पष्ट करता है।
विपक्षी होते तो बदनाम करने में लगा दी जाती पूरी ताकत
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ने योगी सरकार पर भेदभाव करने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि इस जघन्य अपराध में भाजपा विधायक शामिल हैं, इस वजह से भी अब योगी आदित्यनाथ कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं। अगर यही कारनामा किसी दूसरी पार्टी के सदस्य द्वारा किया गया होता तो न सिर्फ उसके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाती, बल्कि मीडिया के माध्यम से लगातार विपक्षी को बदनाम करने में शासन और प्रशासन पूरी ताकत लगा देता।
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परिवार को मिले मुआवजा और नौकरी दोषियों को जेल
वहीं उन्नाव कांड की सीबीआइ जांच की मांग करते हुए मसूद अहमद ने कहा कि परिवार के मुखिया की हत्या होने के चलते परिवार को योगी सरकार एक करोड़ रुपए का मुआवजा दे, साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाए जिससे कि परिवार के लोगों को भरण पोषण होता रहे। इसके अलावा दोषियों को बिना उनका रसूख देखे तत्काल जेल भेजा जाए।
भाजपा के लोगों से अब बेटियों को बचाने की जरूरत
वहीं एसपी उन्नाव की बात करते हुए मसूद अहमद ने अपने बयान में कहा कि हैरत की बात तो यह है कि उन्नाव की पुलिस अधीक्षक महिला के होते हुए भी ऐसे जघन्य काण्ड पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। भाजपा के बेटी बचाओं, बेटी पढाओं के नारे को खोखला बताते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की बेटियों को भाजपा के लोगों से अब बचाने की जरूरत है।