आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया है। जिसके बाद अब यूपी में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राज्य में जातिगत जनगणना कराने के की मांग रखी है। वहीं अब इस चर्चा के बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने बड़ा बयान दिया है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से जातिगत जनगणना पर सवाल पर कहा कि मेरा सवाल उन लोगों से है, जो आज ये सवाल कर रहे हैं, उनसे मैं पूछना चाहता हूं कि 2004 से 2014 तक ये सत्ता में थे। इनके ही समर्थन से केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब ये जातिगत जनगणना भूल गए थे। जातिगत जनगणना के हम समर्थन में हैं। उसके विरोध में नहीं हैं। मैं जातिगत जनगणना के विरोध में नहीं हूं, बल्कि समर्थन में ही हूं। ये होनी चाहिए, इसमें कोई गलत नहीं है।
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डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि आज एक गरीब मां-बाप का बेटा देश का प्रधानमंत्री है। देश के कई राज्यों के अंदर एक अलग वातावरण बना हुआ है। इसलिए केवल ये एक चुनावी मुद्दा है। जब कोई एक चुनाव आता है तो विपक्ष ऐसा मुद्दा लेते आता है। उन्होंने कहा कि जो ये मांग कर रहे हैं उन्होंने गरीबों की भलाई के लिए क्या काम किया है। इन्होंने कभी नहीं किया है, लेकिन हमारे यहां इसको लेकर कोई विवाद नहीं है।
महत्वपूर्ण बात ये है कि जो विपक्ष में कह रहे हैं कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए। वे कर लें, उन्हें जातिगत जनगणना करने से कौन रोक रहा है? लेकिन जातिगत जनगणना कराना पिछड़ों और दलितों की समस्या का हल नहीं है। उनके लिए इमानदारी से काम करने की जरूरत है।