आरयू ब्यूरो,लखनऊ। यूपी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। यूपी की जेलों में बंद कैदियों को फिलहाल उनके परिवारों व परिचितों से नहीं मिलने दिया जाएगा। शनिवार को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने यूपी के पुलिस महानिदेशक के नाम एक पत्र जारी किया है। इस शासनादेश में कहा गया है कि जेल में बंद बंदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए अगले आदेश तक उन्हें परिवारों से मिलने की इजाजत नहीं दी जाए। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि 16 अगस्त 2021 को निरुद्ध बंदियों को उनके परिवारों से मिलने की परमिशन दी गई थी, लेकिन कोरोना और ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों की वजह से कैदियों की सुरक्षा को देखते हुए परिवार से मिलने की परमिशन एक बार फिर से रोकी जा रही है। उन्होंने कहा है कि जेलों को सख्ती से इस आदेश का पालन करना होगा। सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि अगले आदेश तक जेल के बंदी अपने परिवारों से नहीं मिल सकेंगे।
वहीं उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ा रहीं हैं। आज यूपी स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटे में उत्तर प्रदेश में 383 कोरोना संक्रमित मिलें हैं।
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गौरतलब है कि पहले भी संक्रमण की वजह से कैदियों के आगंतुकों से मिलने पर रोक लगा दी गई थी। करीब छह महीने के बाद अगस्त 2021 में कोरोना प्रोटोकॉल के साथ परिवार से मिलने की परमिशन दी गई थी। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कैदियों को उनके परिवार से मिलने पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन अगस्त महीने में एक बार फिर से मिलने की परमिशन दे दी गई थी। देशभर में एक बार फिर से कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले देखने को मिल रहे हैं।
जहां सरकार का ये आदेश जेल में बंद कैदियों की सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम बताया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सवाल ये भी उठ रहा है कि रैलियों में जुट रहीं हजारों की भीड़ में कोरोना नियमों की अंदेखी क्यों की जा रहीं हैं।