आरयू ब्यूरो,लखनऊ। व्हाट्स ऐप पर पेपर लीक होने की वजह से उत्तर प्रदेश टीचर पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद से ही अभ्यर्थी परीक्षा की नई तारीखों का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच एग्जाम को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है।
इस संबंध में सोमवार को बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने लखनऊ में आयोजित एक प्रेसवार्ता में कहा कि जल्द ही यूपी टीईटी की परीक्षा कराई जाएगी। एक महीने का वक्त दिया गया है। इसी के अंदर परीक्षा होगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि टीईटी की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव संजय उपाध्याय की थी। उन पर लगे आरोपों के आधार पर कार्रवाई हो रही है। पूरे मामले की जांच भी चल रही है। जो भी जिम्मेदार लोग होंगे, उन पर एक्शन लिया जाएगा भाजपा की सरकार में हमेशा से निष्पक्ष काम हुआ है, जो भी आरोपी हो, चाहे जितना ताकतवर क्यों न हो। सरकार किसी को भी नहीं छोड़ेगी। बता दें कि पेपर लीक मामले में जांच के लिए शासन ने एसआइटी गठित कर दी है।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के ‘फर्क साफ है‘ कार्यक्रम के तहत पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए बेसिक शिक्षा में डा. सतीश द्विवेदी ने कहा कि आज से पांच साल पहले तक प्रदेश में स्कूल के नाम पर टूटे-फूटे जर्जर भवन दिखायी पड़ते थे। उनमें न पीने की पानी की व्यवस्था थी, न बिजली की व्यवस्था थी और न ही बच्चों के बैठने की व्यवस्था थी। यूनिफार्म देने के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार और घोटाले ही सामने आते थे। पूर्ववर्ती सरकारों ने उत्तर प्रदेश को हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं में नकल का गढ़ बना दिया था। स्थिति यह थी कि अगर मेधावी छात्र भी अन्य प्रदेश में जाता था तो उसकी मार्कशीट को मान्यता नहीं मिलती थी।
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डा. द्विवेदी ने कहा कि पिछले पांच साल में योगी सरकार ने इस छवि को बदला है। आज हमारे विद्यालयों में एक करोड़ 80 लाख से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं नांमाकित है। पहले की सरकारों में जहां शिक्षक भर्ती का अर्थ सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार और वर्ग विशेष का लाभ था, वहीं योगी सरकार में एक लाख 25 हजार शिक्षकों को पूरी पारदर्शिता व बिना किसी भेदभाव के भर्ती किया गया। भाजपा सरकार ने आपरेशन कायाकल्प चलाकर एक लाख से ज्यादा स्कूलों का पुनर्रोद्धार किया। स्कूलों में पीने के पानी, बिजली, बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर और खेलने के लिए मैदान की व्यवस्था की। इसके साथ ही भाजपा सरकार ने सभी बच्चों को दो जोड़ी यूनिफार्म के साथ स्वेटर और जूते देने का भी काम किया।
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बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि जो उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में 2017 से पहले पूरे देश में पांचवे स्थान पर था आज वह दूसरे स्थान पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि फर्क साफ है। आज स्थिति यह है कि लोग अपने बच्चों का नाम निजी विद्यालयों से कटवाकर सरकारी स्कूलों में लिखवा रहे है।
भाजपा की उपलब्धियों को गिनाते हुए सतीश द्विवेदी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में यूपी पहले पायदान पर है। उन्होंने दावा किया कि योगी सरकार में ऑपरेशन कायाकल्प में सवा लाख विद्यालय बनाए गए हैं। एक करोड़ 16 लाख बच्चे थे, अब एक करोड़ 80 लाख हैं। एक लाख 25 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई। भाजपा कार्यकाल में हम शिक्षा के क्षेत्र में पहले पायदान पर खड़े हैं। 51 डिग्री कॉलेज बनाए गए हैं। आगे भी विकास पर ही काम किया जा रहा है।
सतीश द्विवेदी ने बताया कि मिशन रोजगार के तहत पांच लाख नौजवानों को रोजगार मिला है। नकल के लिए जो प्रदेश जाना जाता था, वहीं अब पारदर्शी व्यवस्था दी जा रही है। जो शिक्षा व्यवस्था अराजकता की शिकार थी, आज बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा गुणवत्ता पूर्वक है, जिससे रोजगार मिल रहा है।