लोकसभा चुनाव 2019: अंतिम चरण का मतदान संपन्न, हिंसा के बीच प. बंगाल में फिर बंपर वोटिंग, जानें अन्य राज्यों का हाल

प्रशांति सिंह
वाराणसी में वोट डालने के बाद इस अंदाज में अपनों के साथ नजर आयीं अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबाल खिलाड़ी प्रशांति सिंह।

आरयू वेब टीम। 

लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के लिए रविवार को उत्‍तर प्रदेश समेत देश के आठ राज्‍यों की 59 लोकसभा सीटों पर मतदान समाप्‍त हो चुका है। अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी में भी वोटिंग हुई। इस दौरान वाराणसी समेत देशभर के विभिन्‍न राज्‍यों की लोकसभा सीटों से ईवीएम खराब होने की सूचनाएं भी आती रहीं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में लापरवाही और ईवीएम में खराबी के चलते कई जगाहों पर मतदान देर से आज शुरू हुआ। वहीं ईवीएम में खराबी के चलते कई जगाहों पर मतदाता वापस भी लौट गए। इन सबके बीच वाराणसी में आज 58.05 प्रतिशत ही मतदाताओं ने ही अपने मत का इस्‍तेमाल किया।

दूसरी ओर पिछले छह चरणों की तरह ही मतदान शुरू होने के साथ ही पश्चिम बंगला से हिंसा की खबरें आनीं शुरू हो गयी। यहां भाटपाड़ा में मतदान शुरू होने के साथ ही कुछ लोगों ने आगजनी की। खबरों के मुताबिक, भाजपा का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया है। वहीं बारासात संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले न्यूटाउन इलाके के कदम्पुकुर व अन्‍य क्षेत्रों से भी हिंसा की खबर आती रहीं। कोलकाता में टीएमसी के पार्षद सुभाष बोस को हिरासत में लिया गया, वहीं बिधाननगर में भाजपा नेता को भी नजरबंद किया गया है।

चुनाव आयोग की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार शाम साढ़े छह बजे तक आठ राज्‍यों में 61.07 प्रतिशत  वोटिंग हुई थी। जिसमें वेस्‍ट बंगाल में सबसे ज्‍यादा 73.40, झारखंड में 70.77 प्रतिशत, मध्‍य प्रदेश में 69.36, हिमाचल प्रदेश में 66.60, चंड़ीगढ़ में 63.57, पंजाब में 58.95, उत्‍तर प्रदेश में 55.47 व सबसे कम बिहार में 53.20 प्रतिशत फीसदी वोटिंग हुई। हालांकि कुछ जगहों के मतदान केंद्र पर शाम छह बजे के बाद भी लंबी लाइनें लगी होने के चलते मतदान के प्रतिशत में देर रात तक कुछ फेरबदल संभव है।

वहीं इससे पहले अपरान्‍ह साढ़े चार बजे तक आठ राज्‍यों में 52.15 प्रतिशत कुल वोटिंग हो चुकी थी। जिसमें से झारखंड में सबसे ज्‍यादा 64.81 प्रतिशत, वेस्‍ट बंगाल में 63.66, मध्‍य प्रदेश में 59.38, हिमाचल प्रदेश में 56.55, चंड़ीगढ़ में 51.18, पंजाब में 48.72, बिहार में 46.66 व सबसे कम उत्‍तर प्रदेश में 46.58 प्रतिशत फीसदी वोटिंग हो चुकी थी।

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सातवें चरण में उत्तर प्रदेश में 13, पंजाब में 13, पश्चिम बंगाल में नौ, बिहार और मध्य प्रदेश में आठ-आठ, हिमाचल प्रदेश में चार, झारखंड में तीन और चंडीगढ़ की एकमात्र लोकसभा सीट पर मतदान आज संपन्‍न हुआ।

अंतिम चरण में शाम तक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर 918 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है। चुनाव आयोग ने इसके लिए के लिए 1.12 लाख मतदान केंद्र बनाए थे।

इन सीटों और उम्मीदवारों की किस्‍मत हो गयी ईवीएम में कैद-

वाराणसी से पीएम मोदी-

आखिरी चरण में प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी में भी मतदान हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में कुछ दिन पहले ही रोड शो किया था, जिसमें उन्होंने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। वाराणसी से कांग्रेस की तरफ से अजय राय और गठबंधन की तरफ से शालिनी यादव मैदान में हैं। बीच में गठबंधन ने बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर को टिकट दे दिया था, लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया।

मनोज सिन्हा, अनुप्रिया पटेल चुनाव मैदान में-

आखिरी चरण में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा दो केंद्रीय मंत्रियों मनोज सिन्हा और अनुप्रिया पटेल के भी भाग्य का फैसला होना है। मनोज सिन्हा वाराणसी से सटी गाजीपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार हैं। गठबंधन ने यहां से अफजाल अंसारी को टिकट दिया है, जो बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई हैं। कांग्रेस ने अजीत प्रताप कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है।

वहीं, अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं, जहां से गठबंधन सपा के टिकट पर राजेंद्र एस. बिंद चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने ललितेश पति त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है। इसी चरण में कुशीनगर से पूर्व  केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की किस्मत का भी फैसला होना है। यहां से भाजपा ने विजय दुबे को टिकट दिया है, जबकि गठबंधन की तरफ से सपा के नथुनी प्रसाद कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं।

गोरखपुर-

गोरखपुर लोकसभा सीट को सीएम योगी और भाजपा का गढ़ कहा जाता है। यह सीट पिछले लगभग 29 सालों से भाजपा के पाले में रही है। लेकिन 2018 में हुए उपचुनाव में समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने इस सीट पर जीत दर्ज कराई थी। इस बार भाजपा ने यहां से भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता रविकिशन को उम्मीदवार बनाया है। गठबंधन ने यहां से रामभुआल निषाद को मैदान में उतारा हैं। रामभुआल प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री और दो बार विधायक रहे हैं। पिछड़ों के बीच मजबूत पकड़ वाले नेता रामभुआल भाजपा को कांटे की टक्कर दे रहे हैं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मधुसूदन त्रिपाठी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं। भाजपा मोदी के नाम, योगी के काम और गोरखपुर की दो साल में हुई तरक्की की बुनियाद पर चुनाव लड़ रही है। जबकि गठबंधन ने जातिगत समीकरण की मजबूत गोट बिछा रखी है। इस सीट पर मुख्यमंत्री योगी की भी प्रतिष्ठा दांव पर है।

बिहार-

बिहार से कई हाई प्रोफाइल इस चरण में मैदान में हैं। इनमें- पटना साहिब से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और उनके मुकाबले कांग्रेस उम्मीदार शत्रुघ्न सिन्हा हैं। पाटलिपुत्र से आरजेडी उम्मीदाव को लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी उम्मीदवार मैदान में हैं। इनके मुकाबले बीजेपी से राम कृपाल यादव मैदान में थे। वहीं, काराकाट सीट से आरएलएसपी चीफ उपेंद्र कुशवाहा मैदान में थे।

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पंजाब-

पंजाब की सभी 13 सीटों पर एक ही चरण में मतदान हो रहा है। गुरुदासपुर से बीजेपी ने सनी देओल को चुनाव मैदान में उतारा है। केंद्रीय मंत्री हरदेव सिंह पुरी को बीजेपी ने अमृतसर से चुनाव में उतारा है। चंडीगढ़ से बीजेपी ने किरण खेर को एक बार फिर से मौका दिया है। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल इस बार खुद भी फिरोजपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। सुखबीर सिंह बादल की पत्नी और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल बठिंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी हैं।

पश्चिम बंगाल-

पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचन्द्र बोस के परिवार के सदस्य चन्द्र कुमार बोस को कोलकाता दक्षिण सीट से उम्मीदवार बनाया था। यह सीट कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पसंदीदा क्षेत्र हुआ करता था। वह यहां से छह बार चुनाव जीत चुकी हैं। नुसरत जहां और मिमि चक्रवर्ती भी इस बार बशिरहाट और जाधवपुर लोकसभा सीट से टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।

झारखंड-

झारखंड के दुमका से पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन मैदान में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शिबू सोरेन सहित 42 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला होगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) प्रमुख और आठ बार सांसद रहे सोरेन दुमका सीट से फिर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ सुनील सोरेन को मैदान में उतारा है।

हिमाचल प्रदेश-

वहीं हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर सीट से बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर चुनावी मैदान में हैं। प्रदेश के मंडी सीट से आश्रय शर्मा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। आश्रय के पिता राज्य में बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

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