उत्तराखंड में बीले PM मोदी, “विदेशों में नहीं, पहाड़ों पर प्लान करें डेस्टिनेशन वेडिंग”

डेस्टिनेशन वेडिंग
कार्यक्रम को संबोधित करते नरेंद्र मोदी।

आरयू वेब टीम। पर्यटन क्षेत्र में राज्य में कितनी संभावनाएं हैं। ये देवभूमि निश्चित ही आपके लिए अनेक द्वार खोलने वाली है। आज भारत विरासत के साथ-साथ विकास के जिस मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा, उसका ज्वलंत उदाहरण उत्तराखंड है। इसके लिए विदेशों में नहीं, बल्कि पहाड़ों पर डेस्टिनेशन वेडिंग प्लान करें। डेस्टिनेशन वेडिंग के तहत परिवार में से कम से कम एक शादी उत्तराखंड में की जानी चाहिए।

उक्त बातें शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित होने वाले दो दिवसीय उत्तराखंड वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन कर कही। साथ ही समारोह में पीएम ने राज्य को भारत के लिए विवाह स्थल बनाने का अनुरोध किया। मोदी ने पर्यटकों को प्रकृति के साथ-साथ भारत की विरासत से परिचित कराने के उद्देश्य से थीम- आधारित पर्यटन सर्किट के निर्माण के बारे में भी बात की।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने इस बात को भी रेखांकित किया कि प्रकृति, संस्कृति और विरासत को अपने में समेटे उत्तराखंड एक ब्रांड के रूप में उभरने वाला है। इसके अलावा पीएम मोदी ने देश के अमीरों, संपन्न लोगों और युवाओं से ‘मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर ‘वेड इन इंडिया’ आंदोलन शुरू करने की अपील की। उन्होंने उनसे अगले पांच वर्षों में उत्तराखंड में कम से कम एक विवाह समारोह आयोजित करने का अनुरोध किया।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में यह माना जाता है कि भगवान सबकी जोड़ी बनाते हैं, फिर वे जोड़े अपनी (दांपत्य जीवन की) नई यात्रा शुरू करने के लिए विदेश क्यों जाते हैं… ‘मेक इन इंडिया’ आंदोलन की तरह ही ‘वेड इन इंडिया’ आंदोलन होना चाहिए शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर उत्तराखंड में एक साल में 5000 शादियां भी होती हैं, तो एक नया बुनियादी ढांचा तैयार हो जाएगा और यह राज्य को दुनिया के लिए एक विवाह स्थल में बदल देगा।

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