अब पुणे के डॉक्टर को वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद हुआ कोरोना, राज्‍य व केंद्र सरकार को लेटर लिखकर कही ये बात

डॉक्टरों को हुआ कोरोना
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। कोरोना काल में आई वैक्‍सीन को लेकर लोगों ने अभी राहत की सांस ही ली थी, कि वैक्सिनेशन के बाद भी कोरोना से संक्रमित होने के सामने आए मामलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। अहमदाबाद के बाद अब पुणे में ही ऐसा मामला सामने आया है जिसने वैक्‍सीन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद भी पुणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के हेल्थ डिपार्टमेंट के चीफ डॉ. आशीष भारती संक्रमित हो गए हैं। उनके अलावा पर महाराष्ट्र सरकार के सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंखे भी वैक्सीनेशन के बाद संक्रमित हो गए हैं।

वहीं डॉ. सुभाष सालुंखे ने कोरोना पॉजिटिव होने के बाद केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखकर कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज को टालने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी कहा कि आखिर ऐसा कौन सा वैरिएंट है, जो वैक्सीनेशन के बाद भी लोगों को संक्रमित कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि वैक्सीन लेने वाले लोगों को भी कोरोना संक्रमण हो रहा है तो फिर ऐसा किए जाने की जरूरत है। फिलहाल डॉ. सुभाष सालुंखे को सरकारी अस्पताल में एडमिट कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक सालुंखे को मामूली लक्षण ही हैं।

बीते सप्ताह भी पुणे दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के दो स्टाफ को कोरोना संक्रमण हो गया था, जबकि उन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थीं। दोनों स्टाफ को वैक्सीन लेने के 14 दिन बाद संक्रमण हो गया था। डॉ. भारती ने बताया, ‘मैं कोरोना संक्रमित हूं और मैंने खुद को परिवार के साथ आइसोलेट कर लिया है। मुझे इसके मामूली लक्षण भी नहीं थे। मैंने बीते रविवार 13 मार्च को कोविशील्ड वैक्सीन ली थी।’  डॉ. भारती ने बताया कि उनका परिवार भी कोरोना संक्रमित हो गया है। उन्‍होंने कहा, ‘मेरी पत्‍नी ने कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज भी ले ली थी, लेकिन 14 दिन से कम के अंतराल पर ही वह पॉजिटिव पाई गई हैं।’

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वहीं एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वैक्सीन को लेकर सवालों के जवाब देते हुए कहा था कि दूसरी डोज लेने के 14 दिन बाद एंटी बॉडीज बनती हैं। ऐसे में इस डॉ. सालुंखे के तीन सप्ताह बाद संक्रमित होने को लेकर सवाल जरूर उठता है। डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक पहली और दूसरी डोज के बीच 28 दिनों का अंतर होना चाहिए और दूसरी डोज के 14 दिन बाद एक व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडीज बनती हैं।

बता दें कि इससे पहले अहमदाबाद के म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के डेंटल कॉलेज में प्रोफेसर डॉ. बेला दवे और उनके पति दिलीप दवे ने फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर के लिए शुरू किए गए वैक्सीनेशन में पहली डोज ली। इसके बाद उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज भी दे दी गई, जिसके बाद भी दोनों कोरोना संक्रमित पाए गए। दोनों को ही होम क्वारनटीन किया गया।

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