आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कानपुर में मुठभेड़ के दौरान शहीद होने वाले सीओ का पत्र वायरल होने के बाद संदेह के घेरे में आए एसटीएफ के डीआइजी व कानपुर के तत्कालीन एसएसपी अनंत देव पर आखिरकार योगी सरकार की गाज गिर ही गयी। मंगलवार रात योगी सरकार ने डीआइजी एसटीएफ अनंत देव का तबादला करते हुए उन्हें पीएसी में तैनाती दी है। अनंत देव को अब मुरादाबाद सेक्टर के पीएसी डीआइजी के पद पर भेजा गया है।
वहीं आज कुल चार आइपीएस अफसरों के ट्रांसफर के क्रम में 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा में तैनात सुधीर कुमार सिंह को एसएसपी एसटीएफ बनाया गया है। इसी क्रम में एसएसपी वाराणसी के पद पर तैनात रहें प्रभाकर चौधरी को अब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुरादाबाद की जिम्मेदारी दी है, जबकि यहां तैनात रहें एसएसपी अमित पाठक को प्रभाकर चौधरी की जगह एसएसपी वाराणसी की कुर्सी सौंपी गयी है।
बताते चलें कि पांच दिन पहले कानपुर के बिकरु गांव में खूंखार विकास दूबे के घर दबिश देने गयी पुलिस की टीम पर विकास दुबे व उसके गुर्गों ने हमला बोल दिया था। जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे, जबकि पांच अन्य पुलिसकर्मियों सहित सात लोग गोली लगने के चलते गंभीर रुप से घायल हुए थे।
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उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख देने वाले इस कांड के बाद से विकास दुबे फरार है। ढाई लाख का ईनाम घोषित होने के बावजूद तलाश में लगे पुलिस के हजारों जवान अब तक उस तक नहीं पहुंच सकें हैं। इस बीच सोमवार को शहीद सीओ के परिजनों ने एक पत्र मीडिया को देकर सनसनी मचा दी।
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पत्र सीओ की ओर से तत्कालीन एसएसपी अनंत देव के नाम लिखा गया था। जिसमें विकास दूबे व थानेदार के बीच खतरनाक गठजोड़ की बात कहते हुए न सिर्फ इसके भयंकर परिणाम की बात लिखी गयी थी, बल्कि एसएसपी से कार्रवाई की मांग भी की गयी थी। वर्तमान में एसएसपी कार्यालय से पत्र गायब हो चुका है, इसकी जांच भी लखनऊ रेंज की आइजी लक्ष्मी सिंह को सौंपी गयी है।