आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बीएड टीईटी-2011 के अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मामला एक बार सूबे की राजनीत में हलचल पैदा कर सकता है। वादे के बाद भी एक महीना बीत जाने पर अफसरों की ओर से धरातल पर कोई सकारात्मक पहल नहीं होती देख अभ्यर्थियों में एक बार फिर योगी सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ रहा है।
एक महीने के दौरान दो बार शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने के बाद भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अभ्यर्थियों ने अब नौ जुलाई को शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही बेहद तेज-तर्रार और ईमानदार अफसरों में शुमार अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. प्रभात कुमार से भी मिलने का मन बनाया है।
अभ्यर्थियों के नेता मान बहादुर सिंह चंदेल ने बताया सात जून को उन लोगों को 45 दिनों के अंदर नियुक्ति के संबंध में अधिकारियों ने फैसला लेने का भरोसा दिलाया था। इतना ही नहीं प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार समेत दूसरे अफसरों ने करीब 15 दिन में प्रगति रिपोर्ट भी बताने को कहा था।
अधिकारियों के भरोसे समाप्त किया प्रदर्शन
अधिकारियों के इन्हीं आश्वासनों के भरोसे प्रतिनिधि मंडल ने राजधानी के ईको गार्डेन में चल रहे प्रदर्शन को समाप्त करने का निर्णय लिया था, लेकिन आज एक महीना बीत जाने के बाद भी अधिकारियों की ओर से कोई ऐसी बात नहीं सामने लायी गयी है, जिससे कि अभ्यर्थी ये अंदाजा लगा सके कि उनके मामले में क्या कार्रवाई अब तक की गयी है। जबकि प्रगति जानने के प्रयास में अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल बीते 20 जून और दो जुलाई को प्रमुख सचिव गृह से मुलाकात भी कर चुका है, लेकिन दोनों ही बार उनकी ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
नौ जुलाई को फिर होगा प्रयास
वरिष्ठ अधिकारियों के आश्वसन के बाद अब प्रतिनिधमंडल अगामी नौ जुलाई को प्रमुख सचिव गृह के अलावा अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. प्रभात कुमार से मिलकर प्रगति रिपोर्ट जानेगा।
तो उठाया जाएगा ये कदम
इस बार प्रगति रिपोर्ट की जगह उन लोगों को आश्वासन मिला तो बीएड टीईटी के अभ्यर्थी आंदोलन के साथ ही न्यायिक प्रक्रिया की भी तैयारी शुरू कर देंगे। साथ ही सात सालों से बदहाल अभ्यर्थी विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के सामने अपनी पीड़ा रखकर उनसे सहायता की अपील करेंगे।