सुप्रीम कोर्ट ने पूछा पैन के लिए आधार कार्ड जरुरी क्‍यों

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आरयू वेब टीम।

पैन कार्ड के लिए आधार को जरुरी बनाने के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है। वहीं इस संबंध में केंद्र का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि लोग ऐसे पैन कार्डों की जानकारी दे रहे थे, जिन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए बनवाया गया है।

साथ ही रोहतगी ऐसे कई मामले का उदाहरण के तैर पर जिक्र भी किया, जिनमें एक व्यक्ति के पास कई पैन कार्ड और इन फर्जी कार्डों का इस्तेमाल फर्जी कंपनियों को धन का हस्तांतरण करने के लिए किया जा रहा था।

पक्ष को सुनने के बाद पर पीठ ने अटॉर्नी जनरल से कई सवाल किया कि क्या इसका उपाय यह है कि आपके पास पैन बनवाने के लिए आधार होना चाहिए? इसे अनिवार्य क्यों बनाया गया? इसके जवाब में रोहतगी ने पीठ से कहा कि पहले भी पाया गया था कि लोग फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर मोबाइल फोन के लिए सिम कार्ड खरीद रहे थे। जिसपर शीर्ष अदालत ने सरकार से इस पर लगाम कसने को कहा था।

वहीं इस संबंध में पीठ ने कहा कि वह पैन कार्डों के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के सरकार के कदम को चुनौती देने वाली याचिका पर दलीलों की सुनवाई 25 अप्रैल को करेगी।

गौरतलब है कि वर्ष 2017-18 के बजट के वित्त विधेयक में कर प्रावधानों में संशोधन के जरिए सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया है, जिससे कई पैन कार्डों का इस्तेमाल करके कर चोरी पर रोक लगाने के लिए पैन को आधार से जोड़ने का प्रावधान किया गया है।