आरयू ब्यूरो,लखनऊ। मानसून सत्र से पहले जारी असंसदीय शब्दों की नई सूची पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। खास तौर पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी ने इस सूची को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की है। विपक्ष का आरोप है कि लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों की नई बुकलेट में उन तमाम शब्दों को शामिल कर लिया गया है, जिनका इस्तेमाल विपक्ष के नेता संसद में भाजपा और उसकी सरकार को घेरने के लिए करते रहे हैं। विपक्ष का सवाल है कि अगर सदन में विपक्षी नेता सरकार की कड़ी आलोचना न कर सकें, तो संसद का महत्व ही क्या रह जाएगा?
कांग्रेस सांसद अभिषेक सिंघवी और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार की मंशा है कि भ्रष्टाचार को अब मास्टरस्ट्रोक बोला जाए। इसके अलावा अखिलेश यादव ने कहा प्रतिबंध आलोचनात्मक शब्दों पर नहीं, अलोकतांत्रिक कार्यों पर लगना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने असंसदीय शब्दों की सूची पर ट्वीट कर कहा कि सरकार की मंशा है कि जब वो भ्रष्टाचार करे तो उसे भ्रष्ट नहीं बल्कि मास्टरस्ट्रोक बोला जाए। ‘दो करोड़ रोजगार’, ‘किसानों की दोगुनी आय’ जैसे जुमले पर जुमालाजीवी नहीं बल्कि ‘थैंक यू’ बोला जाए। इसके बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट में सीधे पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि संसद में देश के अन्नदाताओं के लिए आंदोलनजीवी शब्द किसने प्रयोग किया था?
इसके अलावा अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रतिबंध आलोचनात्मक शब्दों पर नहीं; अलोकतांत्रिक कार्यों पर लगना चाहिए। आलोचना ही सार्थक संसद की प्राणवायु होती है। प्रतिबंध सत्ता के अपराधबोध से उपजते हैं। शनैः शनैः प्रतिबंधों से मुक्ति की ओर बढ़ना ही एक स्वस्थ लोकतंत्र की उपलब्धि होती है।
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वहीं मोदी सरकार पर तंज कसते हुए तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा कि बैठ जाइए, बैठ जाइए, प्रेम से बोलिए। असंसदीय शब्दों की नई सूची में संघी शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा देश को कैसे नष्ट कर रही है, इसे बताने में विपक्ष जिन शब्दों का इस्तेमाल करती है, सरकार उन पर रोक लगा रही है। मोइत्रा ने सवाल किया है कि क्या अब ‘ट्रूथ (सत्य)’ भी असंसदीय माना जाएगा?
टीएमसी के एक और सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने चुनौती भरे अंदाज में ऐलान किया है कि वे लोकतंत्र के लिए लड़ते हुए सदन में खुलकर बोलेंगे और पाबंदी वाले शब्दों का भी इस्तेमाल करेंगे, भले ही इसके लिए उन्हें सस्पेंड कर दिया जाए। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट किया है कि मोदी सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब ‘असंसदीय’ माने जाएंगे और अब आगे क्या क्या विषगुरु?