आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 16 प्रस्ताव आये थे, जिसमें 15 पास हुए और एक स्थगित किया गया है। जिनमें परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल के सिपाही अब समूह घ नहीं बल्कि समूह ग के अंतर्गत भर्ती किए जाएंगे। साथ ही इस भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता को बढ़ाकर इंटरमीडिएट कर दिया गया है।
कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रवर्तन दल के सिपाहियों की भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करेगा। जिसके बाद से इस व्यवस्था से सिपाहियों को प्रमोशन का लाभ मिल सकेगा और उनका वेतन भी बढ़ जाएगा।
योगी कैबिनेट ने लखनऊ एसजीपीजीआइ में कर्मचारियों के सातवें वेतनमान को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे करीब 1800 कर्मचारियों को फायदा होगा। एसजीपीजीआइ में सातवां वेतनमान लागू होने के बाद भी कई भत्ते नहीं दिए जा रहे थे। एसजीपीजीआइ के कर्मचारी लगातार पेशेंट केयर भत्ता, वर्दी भत्ता सहित अन्य भक्तों की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। एसजीपीजीआइ प्रशासन ने पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी थी। इसके बाद भी कर्मचारियों ने अनशन शुरू कर दिया था। कैबिनेट की बैठक में विभिन्न भत्तों के भुगतान से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
गृह विभाग और परिवहन विभाग के दो प्रस्तावों को भी कैबिनेट की बैठक में मंजूदी दी गई है। परिवहन विभाग में अब परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पाएंगे। सिमुलेटर पर टेस्ट देने के बाद ही परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
वहीं कैबिनेट में राज्य के 62 जनपदों में 2100 नलकूप लगाए जाएंगे। इससे लघु और सीमांत किसानों को सीधा फायदा होगा। एक नलकूप 50 हेक्टेयर खेत की सिंचाई कर सकेगा। जिससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
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प्रदेश में राज्य अध्यापक पुरस्कार व्यवस्था में भी बदलाव किया गया। अभी इसके मानक तय किए जा रहे हैं। नई व्यवस्था के अनुसार, नई तारीख तय की जाएगी। 18 पुरस्कार में से दो प्रधानाध्यापक, दो प्रधानाचार्य और बाकि अन्य अध्यापकों को दिए जाएंगे। आपराधिक पृष्ठ भूमि के लिए एलआयू की रिपोर्ट भी लगेगी।
राजकीय महाविद्यालय में अलग-अलग विभागों में 10,000 पदों का सृजन किया जाएगा। इसमें नौ करोड़ का बजट खर्च होगा।
इसके अलावा राज्य सरकार ने खराब मानसून को देखते हुए कोरिया (सरसों की प्रजाति) के मिनी पैकेट वितरित करने का फैसला किया है। इसमें चार करोड़ संतावन लाख 60 हजार रुपए खर्च होंगे, जिसमें किसानों को पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर वितरित किया जाएगा।