आरयू वेब टीम। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने बीए कोर्स के सिलेबस से फेमस शायर इकबाल का नाम हटाने का फैसला लिया है।नए सिलेबस में इकबाल के बारे में नहीं पढ़ाया जाएगा। दरअसल, बीए पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस में अबतक इकबाल के बारे में पढाया जाता था, लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने चैप्टर हटाने का अप्रूवल दे दिया है, जिसके बाद सिलेबस से इसे हटा दिया जाएगा। आपने इकबाल का लिखा देश भक्ति गीत सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तां हमारा’ सुना ही होगा। ये गीत बहुत ही फेमस है और इसे देशभर के स्कूलाें में भी गाया जाता है। वहीं इकबाल के बारे में डीयू के वाइस चांसलर ने कहा है कि हमें ऐसे व्यक्तियों को पढ़ाने के बजाय अपने राष्ट्र नायकों का अध्ययन करना चाहिए।
वाइस चांसलर के प्रस्ताव को सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। बैठक में अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) 2022 के तहत अलग-अलग कोर्स के चौथे, पांचवें और छठे सेमेस्टर के सिलेबस को पारित किया गया। वहीं इकबाल को हटाने के साथ ही इस मौके पर कुलपति ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को अधिक से अधिक पढ़ाने पर भी जोर दिया।
इकबाल के बारे में वाइस चांसलर ने कहा, इकबाल ने ‘मुस्लिम लीग’ और ‘पाकिस्तान आंदोलन’ का समर्थन करते हुए गीत लिखे थे। भारत के विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना का विचार सबसे पहले इकबाल ने उठाया था। हमें ऐसे व्यक्तियों को पढ़ाने के बजाय अपने राष्ट्र नायकों का अध्ययन करना चाहिए।
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पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि मुहम्मद इकबाल का जन्म अविभाजित भारत के सियालकोट में 1877 में हुआ था। इकबाल ने प्रसिद्ध गीत “सारे जहां से अच्छा” लिखा था। उन्हें अक्सर पाकिस्तान के विचार को जन्म देने का श्रेय दिया जाता है। अधिकारियों ने कहा कि ‘मॉडर्न इंडियन पॉलिटिकल थॉट’ शीर्षक वाला अध्याय बीए के छठे सेमेस्टर के पेपर का हिस्सा है, यह मामला अब विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा जो अंतिम फैसला लेगी।