आरयू ब्यूरो, प्रयागराज/लखनऊ। हापुड़ लाठीचार्ज मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को छह सदस्यीय न्यायिक समिति गठित की थी, लेकिन कोर्ट ने समिति में अवध बार एसोसिएशन लखनऊ के अध्यक्ष को भी शामिल करने का आदेश दिया है। ये आदेश मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और महेशचंद्र त्रिपाठी की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान जनहित की सुनवाई करते हुए आज दिया है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में गठित न्यायिक समिति सात सदस्यीय हो गई है।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हापुड़ लाठीचार्ज के पीड़ित वकीलों की शिकायतों की सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी की थी। इसमें न्यायमूर्ति राजन रॉय, न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम खान, महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र, यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह को भी रखा गया था। सोमवार को कोर्ट ने इसमें अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद मणि त्रिपाठी को भी शामिल करने का आदेश दिया। इसके साथ ही न्यायिक समिति सात सदस्यीय हो गई है।
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मालूम हो कि हापुड़ में वकीलों पर किए गए लाठीचार्ज के मामले में अधिवक्ताओं ने आज भी हड़ताल जारी रखी है और 12 सितंबर को भी न्यायिक कार्य से दूर रहने की घोषणा की। इस मामले में यूपी बार काउंसिल ने रविवार की देर रात आपात बैठक बुलाई और बड़ा फैसला करते हुए हड़ताल की घोषणा की। बैठक में यह भी तय हुआ है कि अगर यूपी सरकार अधिवक्ताओं की मांगें नहीं मानती है और लाठीचार्ज के दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती है तो फिर यह हड़ताल और लंबी खींचेगी।